Rajsamand News: राजस्थान (Rajasthan) के राजसमंद में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने यहां ऐसे गिरोह को दबोचा है, जिसने एक ही दिन में 1 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है. इसमें एक गिरोह लोगों को जाल में फंसाकर उनके नाम से बैंक खाता खुलवाता है और फिर इसे दूसरे गिरोह को बेच देता है. दूसरा गिरोह ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए लोगों से ठगी करता है और फर्जी खरीद खाते में पैसा डलवा देता है. ऐसे ही रोजाना लाखों रुपये का लेन-देन किया जाता है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही दूसरे आरोपियों की तलाश कर रही है.
राजसमंद के राजनगर थानाधिकारी डॉ. हनुवंत सिंह ने बताया कि जिले के शिशोदा खमनोर और अभी मुंबई विले पार्ले स्थित प्रोपराइटर ओम शिल्पी ज्वेलर्स धवलगिरी किशन लाल, राजमल और प्रकाश चंद्र को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने मिलकर पिछले 6 महीने में 7 बैंक खाते खुलवाकर पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड मुंबई भेजे थे, जिसके बदले में उन्हें हर बैंक खाता पर एक लाख रुपये मिलता है. सिर्फ एक खाते में देशभर के करीब 3080 लोगों के करीब 1.11 करोड़ रुपये जमा हुए तो बाकी 6 खातों में कितनी राशि जमा हुई होगी, इसकी जांच की जा रही है.
फिल्म में भी पैसा लगा चुका है मास्टरमाइंड
उन्होंने बताया कि किसी भी खाते में दो लाख रुपये होते ही दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था. इससे देशभर के कई मामले खुलने की संभावना है. आरोपियों को चालू बैंक खाता खोलने के बाद मुंबई में बेचने पर 50 हजार से एक लाख रुपये हर बैंक खाता पर मिलता है. वहीं जीएसटी करंट बैंक खाता बेचने पर 5 लाख से 10 लाख रुपये प्रति बैंक खाता पर मिलता है. उन्होंने बताया कि वारदात के मास्टरमाइंड किशन लाल जैन ने साल 2012-13 में एक फिल्म बनाई थी, जिसमें 17 करोड़ रुपये लगाए गए थे और घाटा हुआ. उसके बाद मुंबई में ज्वेलरी की दुकान खोलकर दुकान की आड़ में लोगों से पैसा लेता है और फर्जी काम करवाता है.
ऐसे दिया जाता है वारदात को अंजाम
थानाधिकारी डॉ. हनुवंत सिंह के मुताबिक एक साल से फर्जी बैंक खातों से पैसा निकालकर देने वाले को पैसा देता रहता है, जो आगे अलग-अलग फिल्मों में इन्वेस्ट करता है. अपने आप को सफेद पोश बनाने के लिए ज्वेलरी की दुकान चलाता है और इसकी आड़ में दुकान में काम करने वालों के परिचितों के नाम से बैंक खाते खुलवाकर धोखाधड़ी से हड़पी राशि को उन बैंक खातों में जमा करवाता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए जरूरतमंद लोगों को टारगेट किया जाता है और उन्हें झांसा दिया जाता है कि सस्ते ब्याज पर लोन करवा देंगे.
थाना अधिकारी हनवंत सिंह ने बताया कि झांसे में आने के बाद ये लोग इनको अपने साथ बैंक में लेकर जाते हैं और बैंक फॉर्म खुद भरकर अपने साथियों के बताए अनुसार उन बैंक खातों में उनके मोबाइल नंबर जुड़वाते हैं. बैंक पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड कोरियर के माध्यम से आने पर बैंक खाते में लिंक मोबाइल नम्बर पर कॉल आता है तो वह उनके बताए पते पर प्राप्त कर लेते हैं. जिस पर बैंक पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड पार्सल बनाकर मुंबई भिजवा दिया जाता है. इसके बाद मुंबई में बैठे इनके गिरोह के सदस्य पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड रिसीव कर लेते हैं और फर्जी ऑनलाइन लॉटरी, गेम, ऋण के एप्लीकेशन में बैंक खातों के क्यूआर कोड जुड़वा देते हैं.
ऐसे हुआ खुलासा
रिपोर्ट दर्ज कराने वाले कुंभलगढ़ निवासी दीपचंद ने बताया कि पैसों की जरूरत होने से किसी परिचित ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक में बहुत कम ब्याज पर लोन की स्कीम चल रही है. यदि लोन लेना हो तो राज्यावास वाले राजमल लोन स्वीकृत करवा देंगे. पैसों की आवश्यकता होने पर दीपचंद, राजमल से मिला. राजमल उसे लेकर लोन स्वीकृत कराने के लिए आईसीआईसीआई ले गया, जहां राजमल ने लोन का कागजात बताकर एक फॉर्म पर कुछ हस्ताक्षर करवाए और लोन जल्दी ही स्वीकृत होने का आश्वासन देकर घर भेज दिया. लोन कराने के बाद काफी दिनों तक पैसा प्राप्त नहीं होने पर राजमल को फोन किया तो टालता रहा.
इसी दौरान प्रकाश ने मोबाइल से आईसीआईसीआई बैंक के चेक की फोटो भेजी और बताया कि तुम्हारे खाते में लेनदेन नहीं हो रहा है. बैंक में जाकर पता लगाओ कि खाते में लेन-देन क्यों नहीं हो रहा है. इस पर वह बैंक गया और प्रकाश के मोबाइल पर भेजे चेक की फोटो बैंक वालों को दिखाया तो कर्मचारी ने कहा कि चालू खाते से करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ है. बैंक कर्मचारी ने बताया कि खाते की चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड भी जारी हो रखा है. इस पर प्रकाश, राजमल उसे धमकाने लगे कि अगर ये जानकारी किसी को बताई तो तुम्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा. फिर युवक पुलिस के पास गया और इसका खुलासा हुआ.
पुलिस ने की लोगों से ये अपील
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि अपराधी ऑनलाइन ऋण, गेम के नाम पर फर्जी तरीके से मोबाइल एप्लीकेशन तैयार कर इन एप्लीकेशन को यू-ट्यूब, गुगल प्ले स्टोर और वेबसाइट पर अपलोड करते हैं. जिनमें आपके लगाए पैसे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हुए और ज्यादा इन्वेस्ट करने का लालच दिया जाता है, जो राशि दिखाई जाती है, उसे वे लोग ही बढ़ाते और घटाते हैं. ऐसे में कोई मोबाइल ऐप को इंस्टॉल नहीं करें और न ही किसी मोबाइल गेम एप्लीकेशन की सत्यता को जाने बगैर पैसा लगाएं. आपके बैंक खाते, चेक बुक, एटीएम आपकी निजी संपत्ति है, यह किसी अन्य को नहीं दें.
पुलिस की तरफ से कहा गया है कि लोन दिलाने के लिए बैंक के कर्मचारी ही अधिकारिक हैं, न की कोई निजी व्यक्ति. सस्ते ब्याज पर कोई लोन दिलाने की बात कहता है तो उसकी जानकारी पुलिस या संबंधित बैंक को अवश्य दें. आपके मोबाइल पर बैंक ट्रांजेक्शन के लिए कोई ओटीपी आता है तो वह किसी से शेयर नहीं करें. पैसा आपके खाते में जमा कराने के लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं रहती है. अपने बैंक खाता किसी को बेचने पर सबसे पहले बैंक खाता धारक के खिलाफ ही मामला पंजीबद्ध किया जाता है. ऐसे में अपना बैंक खाता किसी को नहीं बेचें.
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