Kota News: आज भी शहर हो या गांव बेटी को लेकर भ्रांतियां जग जाहिर हैं. कन्या भ्रूण हत्याएं आज भी हो रही हैं. बेटी के जन्म पर मन को छोटा किया जाता है. लेकिन कई उदाहरण ऐसे भी हैं जहां बेटी के जन्म पर उत्सव मनाया जाता है, थालियां बजाई जाती हैं. मां के लिए बेटा हो या बेटी समान होते हैं. मां अपने बच्चों के लिए जान की बाजी तक लगा देती है. ऐसा ही एक मामला कोटा के इटावा स्थित झाड़ोल गांव में देखने को मिला है, जहां एक मां अपनी 6 माह की बेटी को बचाने के लिए सियार के सामने आ गई.


बच्ची को मुंह में दबा ले जा रहा था सियार
झाड़ोल गांव में इस घटना ने सभी का दिल दहला दिया. घर के आंगन में एक 6 माह की बेटी अपनी बड़ी बहन पूर्ति के साथ खेल रही थी. बच्ची का पिता जोधराज काम पर गए थे, मां घर का काम कर रही थी, तभी अचानक बड़ी बेटी के घर के अंदर आते हुए चीखने की आवाज आई. मां ने वहां आकर देखा तो आंगन में सियार ने 6 माह की बेटी बिसरता को दबा रखा था, खून टपक रहा था, बच्ची बिलख रही थी. मां तुलसा बाई का कलेजा मुंह को आ गया.


सियार घर के आंगन से बाहर की तरफ जाने लगा तो मां ले वहां पड़ी लकड़ी उठा ली और सियार के सामने खड़ी हो गई. सियार को बाहर जाने की जागह नहीं मिली, जैसे ही सियार जाने लगा तो मां ने बच्ची की टांग पकड़कर खींच लिया, ऐसे में जब चीख पुकार हुई तो पास की एक अन्य महिला भी आ गई और सियार के जोर से लकड़ी मारी तो वह बच्ची को छोड़कर भाग गया.
 
कोटा में चल रहा उपचार
बच्ची को मां पहले गांव के ही स्वास्थ्य केन्द्र लेकर गई, वहां से उसे कोटा रेफर कर दिया, उसके बाद कोटा के जेके लोन में बच्ची का उपचार किया जा हा है. चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची के जगह-जगह दांत व खंरोज के निशान हैं. बच्ची की हालत खतरे से तो बाहर है, लेकिन घाव अधिक हैं.


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