Kota News: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve) में रौनक लौट आई है. टी-110 टाइगर नामकरण के बाद बतौर MT-5 जाना जाएगा. परीक्षण में स्वस्थ पाए जाने पर सोमवार को सेल्जर से रिजर्व में रिलीज कर दिया गया. क्षेत्र निदेशक मुकुन्दरा टाइगर हिल्स रिजर्व एसपी सिंह ने बताया कि सेल्जर एनक्लोजर के गेट खोले गए और टाइगर को जंगल में विचरण के लिए खुला छोड़ दिया गया. थोडी देर बाद ही MT-5 टाइगर नजर से ओझल हो गया. दिन के पूर्वार्ध में बाघ का मूवमेंट सेल्जर क्षेत्र पर ही रहा है.
बाघ की निगरानी के लिए तीन टीमें गठित
बाघ की सतत मॉनिटरिंग के लिए 3 ट्रैकिंग टीम बनाई गई है. टाइगर के मूवमेंट और प्रोटेक्शन के लिए तीन मोबाइल टीमों का भी गठन किया गया है. टीम क्षेत्रीय वन अधिकारी कोलीपुरा जनक सिंह के नेतृत्व में काम करेगी. टाइगर के मूवमेंट के दौरान 24 घंटे निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम किया जाएगा. बाघ को रिलीज करते वक्त सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू के प्रतिनिधि दौलत सिंह, सदस्य, राज्य वन्यजीव मंडल उप वन संरक्षक, मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान बीजो जॉय, सहायक वन संरक्षक मारिया साईंन, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ तेजेंद्र रियाड, क्षेत्रीय वन अधिकारी जनक सिंह सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहे.
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गंध पहचानकर आएंगे एक दूसरे के नजदीक
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ और बाघिन अपनी टेरिटरी बनाने के लिए कुछ दूरी पर गंध छोडते हैं. गंध में उनका मल मूत्र भी शामिल है. इसी से उनकी टेरिटरी तय होती है. एक बाघ इसी गंध से बाघिन को तलाश करता है, मादा भी ऐसा ही करती है और दोनों करीब आ जाते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि गंध को पहचानकर एक दो दिन में ही आपस में मिल जाएंगे. एक बार फिर मुकुंदरा में टाइगर के आने से रौनक लौट आई है. पशु प्रेमियों ने इसके लिए काफी प्रयास किए हैं. पयटकों के लिए भी नया वन क्षेत्र आकर्षण का केन्द्र होगा. सब कुछ ठीक रहा तो जल, लंगल, सफारी भी जल्द शुरू हो सकेगी.