Rajasthan: राजस्थान में कोटा के बाद ब्यावर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही के कारण नवजातों की मौत का मामला सामने आया है. यहां राजकीय अमृतकौर अस्पताल में दो नवजात की मौत के बाद गहलोत सरकार हरकत में आई है. 


बाल आयोग ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल मंगलवार को ब्यावर पहुंची. स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट का जायजा लिया. इसके अलावा चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों से भी घटना की जानकारी ली. अस्पताल में अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताते हुए व्यवस्थाएं सुधारने के लिए आवश्यक निर्देश दिए. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बेनीवाल ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दो बच्चों के मौत की घटना बहुत दर्दनाक और तकलीफदेह है. बाल आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है. अगर कहीं उपकरणों की कमी है तो कमियां दूर की जाएगी. इस घटना में किसी की लापरवाही रही है तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी. यदि तकनीकी खामी रही है तो व्यवस्था में सुधार कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इतने बड़े घटनाक्रम में अस्पताल प्रबंधन का रवैया गैर जिम्मेदाराना रहा है.


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सवाल के जवाब में सरकार का गुणगान
राजस्थान सरकार की प्रतिनिधि बनकर पहुंची बेनीवाल से एबीपी न्यूज़ ने सवाल किया कि पहले कोटा और अब ब्यावर, आखिर कब तक नवजातों की मौत होती रहेगी? इस सवाल के जवाब में आयोग अध्यक्ष सरकार का गुणगान करने लगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर काफी गंभीर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं. अस्पतालों में डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा ताकि इलाज के लिए अस्पताल में आने वाले हर बच्चे और मरीज का उपचार अच्छे से हो सके. हर मरीज स्वस्थ होकर ही घर जाए.


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