Rajasthan High Court Verdict on Fake certificate Case: राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan HC) ने फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) और फर्जी सर्टिफिकेट (Fake Certificate) के जरिये नौकरी (Job) पाने की जुगत में लगे नौ लोगों के खिलाफ आदेश पारित किया है. कोर्ट ने इन लोगों को अगले तीन वर्षों तक किसी भी सरकारी परीक्षा (Govt Exam) में सम्मिलित नहीं करने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने वालों के खिलाफ विभागीय जांच (Departmental Inquiry) कर रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया.


हाईकोर्ट जस्टिस रेखा बोराणा (High Court Justice Rekha Borana) की कोर्ट में अतिरिक्त महाअधिवक्ता अनिल गौड़ (Additional Advocate General Anil Gaur) ने राजस्थान सरकार (Rajasthan Govt) की ओर से मामले में पैरवी की. वेटरनरी कंपाउंडर भर्ती 2018 (Veterinary Compounder Recruitment 2018) की प्रक्रिया के दौरान नौ लोगों ने लोको मोटर डिसेबिलिटी प्रमाण पत्र (Loco Motor Disability Certificate) पेश कर आरक्षित कोटे में नौकरी पाने के लिए दावा किया था लेकिन भर्ती प्रक्रिया के दौरान चयन समिति के सामने फर्जी सर्टिफिकेट की बात सामने आ गई और उन्हें भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया.


कोर्ट पहुंचे अभ्यर्थी तो की गई यह कार्रवाई


भर्ती प्रक्रिया से बाहर किए गए अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच गए और याचिका पेश कर विशेष योग्यजन रिजर्वेशन कोटे में सम्मिलित कर नियुक्ति देने की मांग की. इस पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल बोर्ड द्वारा इनकी जांच कराई गई जिसमें सभी अभ्यर्थी 40 फीसदी डिसेबिलिटी से कम अपंग पाए गए.


कोर्ट ने मामले पर गंभीरता दिखाते हुए सभी नौ अभ्यर्थियों को आगामी तीन वर्ष तक किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी में अयोग्य घोषित कर दिया. साथ ही चिकित्सा विभाग को आदेश दिया कि एडिशनल डायरेक्टर रैंक के अधिकारी द्वारा सभी सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टरों की जांच की जाए. हालांकि, कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि डॉक्टरों का भी पक्ष सुना जाए. कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि डॉक्टरों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट आगामी नौ सितंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान पेश की जाए.


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इन अभ्यर्थियों के खिलाफ हाईकोर्ट का आदेश


बाड़मेर के 34 वर्षीय नेमा राम, श्रीगंगानगर जिले के 31 वर्षीय अंतराम, श्रीगंगानगर जिले के 27 वर्षीय रवि दास, श्रीगंगानगर जिले के 20 वर्षीय तीर्थसिंह, चुरू के 29 वर्षीय संदीप कुमार, चुरू के 25 वर्षीय विक्रम सिंह, नागौर के 32 वर्षीय रिछपाल बिश्नोई, धौलपुर के 23 वर्षीय कमल सिंह गुर्जर और दौसा के 22 वर्षीय सत्यवीर गुर्जर को कोर्ट ने आगामी तीन वर्षों तक किसी भी सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है.


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