Udaipur News: बारिश का मौसम शुरु होने से पहले प्रशासन देशभर में अभियान चलाता है. इस अभियान में लाखों की संख्या में पौधरोपण किया जाता है. लेकिन राजस्थान के उदयपुर संभाग के डूंगरपुर में पौधरोपण नहीं होगा. यह गुजरात की सीमा से सटा हुआ जिला है. यह जिला 2019-21 तक तीन साल में स्वच्छता और कचरा मुक्त शहर का अवार्ड केंद्र सरकार से जीत चुका है. देश के चार जॉन की रैंकिंग में से एक जॉन में आने वाला यह डूंगरपुर जॉन  3 स्टार कैटेगरी में अवार्ड पा चुका है.


 इस वजह से नहीं होगा पौधरोपन


डूंगरपुर सभापति अमृत कलासुआ ने एबीपी को बताया कि अंदरूनी शहरी क्षेत्र में अब पौधरोपण नहीं होगा. अभी पौधरोपण के जो लक्ष्य लिए गए हैं, उनमें शहर के बाहरी हिस्सो में पौधरोपण किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि शहर में लगातार सात साल तक विशेष अभियान चलाते हुए 40 हजार पौधे रोपे गए हैं. इससे शहरी क्षेत्र में जगह ही नहीं बची है. शहर की सारी गली, डिवायडर, पार्क, सार्वजनिक स्थान, गेपसागर पाल आदि स्थानों पर पौधरोपण हो चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पौधे 8-10 फिट बड़े ही रोपें जाते हैं क्योंकि यह जल्दी बड़े होते है. अब जो पौधे लगाए गए हैं, उनमें 99 प्रतिशत से ज्यादा जीवित हैं. 


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कार्बन- डाईआक्साइड लेवल सुधरा


सभापति के अनुसार सात साल पहले जिले का कार्बन- डाईआक्साइड लेवल 249 पीपीएम था. सिलिकन डाई- ऑक्साइड का लेवल 17.3 से 63.6 पीपीएम तक पहुंच गया था. वातावरण में सिलिकॉन डाई- ऑक्साइड का यह खतरनाक स्तर है. शहर में 40 हजार पौधरोपन से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. कार्बन डाई- ऑक्साइड का स्तर नीचे गिरते हुए 160 और सिलिकन डाई ऑक्साइड 63.6 से 40.3 पर आ गया है. यहीं नहीं तीन-चार सालों से अधिकतम तापमान 44-45 डिग्री तक रहा है जबकि पहले 47 तक पहुंचता था.


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