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Kota News: कक्षा दो किताब में गैर मुस्लिम बच्चों को सिखाया जा रहा अम्मी-अब्बू बोलना, बजरंग दल ने उठाया यह कदम
Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में एक कान्वेंट स्कूल की कक्षा दो की किताब में गैर मुस्लिम बच्चों को अम्मी और अब्बू बोलने की शिक्षा दी गई है, इस पर विवाद गरमा गया है. बजरंग दल ने इसकी शिकायत की है.
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Kota School Book Controversy: राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में बजरंग दल (Bajarang Dal) ने कक्षा दो में पढ़ाई जा रही एक पुस्तक (Class 2nd Book) पर आपत्ति जताते हुए संभागीय आयुक्त जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) को शिकायत की है. आरोप है कि गैर मुस्लिम बच्चों (Non Muslim Kids) को अम्मी और अब्बू (Ammi and Abbu) बोलना सिखाया जा रहा है. किताब इंग्लिश मीडियम स्कूल (English Medium School) की बताई जा रही है, जिसमें मदर (Mother) को अम्मी और फादर (Father) को अब्बू लिखा है.
एक लेसन में यह सवाल भी पूछा गया कि आप घर की भाषा में पेरेंट्स और ग्रांडफादर को क्या बुलाते है? बजरंग दल का कहना है कि परिजनों ने नाराजगी जताते हुए उनके पास स्कूल में पढ़ाई जा रही इस किताब की जानकारी दी है. हालांकि, किसी भी पेरेंट ने कोई मामला दर्ज नहीं कराया है. बजरंग दल की आपत्ति पर शिक्षा विभाग ने शिकायत दर्ज कर ली है.
ऐसे सामने आया मामला
बच्चों के परिजनों ने फोन पर बजरंग दल कार्यकर्ताओं को जानकारी दी थी. बजरंग दल के सह प्रान्त संयोजक योगेश रेनवाल ने बताया कि 12 जुलाई को कोटा के विभिन्न अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता के फोन आ रहे थे और वो स्कूल में पढ़ाई जाने वाली किताब में एक धर्म से जुड़े शब्दों का ज्यादा प्रचलन होने कि शिकायत कर रहे थे. इसी बात की तफ्तीश के लिए उन्होंने स्टेशनरी की दुकान से तथाकथित किताब खरीदी जिसका नाम गुलमोहर (लैंग्वेज फॉर लाइफ) है. कक्षा दो की यह किताब हैदराबाद के एक पब्लिकेशन की है.
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किताब में दी गई है ये जानकारी
इस किताब का मूल्य 352 रुपये हैं और इसमें 113 पन्ने हैं. पहले चेप्टर 'टू बिग टू स्मॉल' में ही बच्चे को नए शब्द के रूप में मदर को अम्मी और फादर को अब्बू बोलना बताया गया है. इसी किताब का दूसरा चेप्टर में 'ग्रांडपा फारूक्स गार्डन' (दादाजी फारूक का बगीचा) शीर्षक से है, जिसमें मुस्लिम चरित्र आमिर और उसके दादा फारूक को दशार्या गया है.
नॉनवेज खाने के लिए प्रेरित करने का भी आरोप
छठे चैप्टर में पेज नंबर 20 पर बताया गया है कि पेरेंट्स किचन में है और वे बिरयानी बना रहे हैं. रेनवाल का कहना है कि इससे बच्चों को इस्लामी भोजन नॉनवेज खिलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. परिजनों ने उन्हें शिकायत में बताया कि हमारे बच्चे अब अब्बू, अम्मी कहने लग गए हैं और वे घर पर बिरयानी बनाने के लिए बोल रहे हैं. रेनवाल कहा कि कान्वेंट स्कूल में शिक्षा के इस्लामीकरण के लिए ऐसी किताबें चलाई जा रही हैं, जिससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. ऐसी किताबों पर प्रतिबंध लगना चाहिए.
राजस्थान सरकार की शिक्षा प्रणाली पर उठा सवाल
मामले को लेकर कोटा के सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत स्वामी ने अपने ट्विटर अकाउंट से दो फोटो ट्वीट करते हुए राजस्थान सरकार की शिक्षा प्रणाली पर कटाक्ष करते हुए पूछा की राजस्थान के स्कूल में नॉन मुस्लिम बच्चों को अम्मी-अब्बू बोलना क्यों सिखाया जा रहा हैं?
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