Noor Shekhawat: राजस्थान में कल एक ऐसा जन आधारकार्ड बना है जिसकी चर्चा खूब हो रही है. दरअसल, वो जन आधारकार्ड ट्रांसजेंडर नूर शेखावत (transgender noor shekhawat ) का है. अब नूर शेखावत राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर बन गई जिनका जन आधारकार्ड (rajasthan janaadhar card) बना है. इसके साथ ही नूर को अब सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा. उनका नाम अभी तक परिवार के साथ जुड़ा था, इसलिए उन्हें कोई सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा था. नूर पिछले कई दिनों से अपना जन आधारकार्ड बनवाना चाह रही थी. मगर, संभव नहीं हो पा रहा था. इसके लिए कई बार ईमित्र के पास जाना पड़ा. मगर वहां पर काम नहीं हुआ. अलग तरह की चुनौती का सामना करना पड़ा है. 


अधिकारी की पहल से हुआ काम 


संयुक्त निदेशक राजस्थान जनाधार अथॉरिटी सीताराम स्वरूप की पहल से यह कार्ड बन सका. स्वरूप ने बताया कि जन आधारकार्ड परिवार के मुखिया महिला का बनता है. जिनके घर में मुखिया महिला 18 साल से छोटी है उनके यहां के पुरुष का बनता है. ऐसे में अभी तक कोई ट्रांसजेंडर सामने नहीं आया जो जन आधारकार्ड बनवाना चाह रहा था. जब नूर ने पहल की तो उनका बना है. नूर को किसी ने गलत जानकारी दी थी. अब उन्हें जन आधारकार्ड दिया जा चुका है. 


ये है पूरी कहानी 


नूर शेखावत ने बताया, "मेरा नाम परिवार के साथ जन आधार में कार्ड में जुड़ा था. अब मैं अलग हूं. इसलिए अपना जन आधार कार्ड बनवाने के लिए ई-मित्र के पास गई. वहां पर मुझे बताया गया कि आप जन आधार कार्ड के लिए मुखिया के लिए योग्य नहीं है. उसके बाद मैं योजना भवन गईं. जहां पर मेरी मुलाकात संयुक्त निदेशक राजस्थान जनाधार अथॉरिटी सीताराम स्वरूप से हुई. उन्होंने ट्रांसजेंडर को उसमें जोड़ दिया है. इसलिए मैं मुखिया के तौर पर राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर बन गई हूं. पिछ्ले दिनों नूर ने राजस्थान विवि में एडमिशन लिया है. 


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