Rajasthan News: अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास देश का पहला अत्याधुनिक रेलवे टेस्ट ट्रैक तैयार किया जा रहा है. इसका गुरुवार को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने निरीक्षण किया और निर्धारित समय सीमा में तय मानकों के साथ इसका निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सलाहकार सुधीर कुमार गुरुवार सुबह टेस्ट ट्रैक निर्माण संस्थान आरडीएसओ के अधिकारियों, उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के महाप्रबंधक विजय शर्मा और जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक गीतिका पांडेय के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास विकसित किए जा रहे टेस्ट ट्रैक निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया.
25 किमी लंबा बन रहा टेस्ट ट्रैक
दरअसल रेलवे यहां 25 किलोमीटर लंबा अत्याधुनिक टेस्ट ट्रैक बिछाने जा रहा है. सांभर झील के पास गुढ़ा और ठठाणा मीठड़ी स्टेशन होकर गुजरने वाले टैस्ट ट्रेक पर हाई स्पीड और रेगुलर ट्रेनों का ट्रायल होगा. वहीं लोकोमोटिव और कोच के अलावा इस ट्रैक का हाई एक्सेल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाएगा. बता दें कि रेलवे की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने वाले एकमात्र अनुसंधान संगठन रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने इसके लिए कार्य शुरू किया है. आरडीएसओ जोधपुर मंडल के नावां में डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक का निर्माण कर रहा है.
'समय सीमा में पूरा हो काम'
गुरुवार को रेल मंत्रालय, रेलवे बोर्ड, आरडीएसओ और उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के अधिकारियों ने टेस्ट ट्रैक निर्माण कार्यों की प्रगति का संयुक्त निरीक्षण किया और निर्धारित मानकों को ध्यान में रखते हुए तय समय सीमा में इसे पूरा करने के निर्देश दिए. इस अवसर पर रेल मंत्री के सलाहकार सुधीर कुमार, आरडीएसओ के डायरेक्टर जनरल संजीव भूटानी, आरडीएसओ इंफ्रा एससी श्रीवास्तव, जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक सुश्री गीतिका पांडेय वरिष्ठ मंडल अभियंता समन्वय मुकेश कुमार मीणा सहित उत्तर-पश्चिम रेलवे मुख्यालय और जोधपुर मंडल के अनेक अधिकारी निरीक्षण के दौरान मौजूद थे.
यह होगा फायदा
इस ट्रैक का उपयोग करके कई नए परीक्षण और इसके रोलिंग स्टॉक और इसके घटकों, रेलवे रेलवे पुलों और भू-तकनीकी क्षेत्र से संबंधित नई तकनीकों का परीक्षण संभव होगा. साथ ही इससे रेलवे से संबंधित अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू करने और आईआर नेटवर्क पर इन्फ्रास्ट्रक्चर की समस्याओं का समाधान संभव होगा.
ट्रेन परीक्षण के लिए होगा देश का पहला ट्रैक
आरडीएसओ इस डेडीकेटेड ट्रैक का इस्तेमाल सिर्फ ट्रेन, इंजन और अन्य उपकरणों के उपयोग और परीक्षण के लिए करेगा. भारत में इस समय किसी भी ट्रेन के परीक्षण के लिए कोई समर्पित ट्रैक या व्यवस्था नहीं है. यह परीक्षण मौजूदा रेल लाइनों पर ही किया जाता है और इस दौरान वहां से सामान्य रेल सेवाओं को बंद कर दिया जाता है. इससे कई मार्गों पर रेलों की सामान्य आवाजाही पर असर पड़ता है. रेल के इंजन डिब्बों और अन्य संबंध उपकरणों की जांच और परीक्षण की अलग व्यवस्था होने से रेल यातायात बाधित नहीं होगा.
गुढ़ा से ठठाणा मीठड़ी का ही चयन क्यों?
इस परियोजना के लिए गुढ़ा-ठठाणा मीठड़ी को चुनने के पीछे बड़ा कारण यह है कि इस दूरी के बीच पुरानी मीटर गेज लाइन दबी है, जिसका उपयोग किया जा सकेगा. इस दूरी में रेलवे की भूमि पहले से इसलिए अधिग्रहण कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं इस टेस्ट ट्रैक के लिए प्रयोगशाला, आवास, वर्कशॉप आदि के लिए पर्याप्त भूमि भी उपलब्ध है.
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
नावा-कुचामन क्षेत्र में इस परियोजना का कार्य प्रारंभ होने के बाद जहां स्थानीय स्तर पर भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. वहीं श्रमिकों के यहां होने की स्थिति में स्थानीय बाजार को भी इसका लाभ मिल रहा है.
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