Rajasthan News: राजस्थान सरकार की भले ही जनकल्याण कारी योजनाएं गरीब, बुजुर्ग और असहायों के लिए मददगार साबित हो रही हो. लेकिन सिस्टम के लापरवाह कर्मचारियों की अनदेखी से बुजुर्गों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बूंदी जिले के केशोरायपाटन के बलकासा गांव में सामने आया है, जहां लापरवाही के चलते एक जीवित बुजुर्ग महिला को मृत बताकर उसकी पेंशन बंद कर दी.
दो बार बंद हुई पेंशन
दरअसल बुजुर्ग महिला के साथ एक बार नहीं बल्कि दो बार हो चुका है. पहले महिला की पेंशन बंद कर दी गई थी लेकिन इसे फिर से चालू कर दिया गया. लेकिन दूसरी बार बंद की गई पेंशन अब तक चालू नहीं की गई है. पिछले सात महीने से ये बुजुर्ग महिला अपनी पेंशन शुरू करवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रही है लेकिन इनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.
ऑनलाइन पोर्टल में मिली ये जानकारी
वहीं पेंशन बंद होने की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल से ली तो पता चला कि पोर्टल पर महिला को मृत दर्शाया गया. गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली यह बुजुर्ग महिला सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन की हकदार है, लेकिन सामाजिक सुरक्षा पोर्टल पर मृत बता देने से अब दर दर की ठोकरे खाकर खुद के जीवित होने का प्रमाण दे रही है.
अधिकारियों ने दी ये सफाई
बलकासा गांव के विकास अधिकारी दुर्गा लाल ने बताया कि इस मामले में विभागीय गलती हुई है. एक ही नाम की दो महिलाओं में से जिंदा महिला को मृत बता दिया और मृत व्यक्ति को जिंदा बता दिया. इस कारण से यह गड़बड़ी सामने आई है. हम सिस्टम में अपडेट करवा रहे हैं. जल्द पेंशन शुरू की जाएगी और बकाया पेंशन को भी दिलाया जाएगा.
2020 में भी बंद हुई थी पेंशन
बता दें कि इसी बुजुर्ग को साल 2020 में भी मृत बता पेंशन बंद कर दी थी. हालांकि करीब 4-5 माह बाद वो सुचारू हो गई थी. लेकिन इस बार बंद हुई पेंशन फिर से शुरू नही हो पा रही है. महिला ने पेंशन जारी करवाने की मांग की है.
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