Rajasthan News: संविदाकर्मियों की लंबे समय से परमानेंट की मांग चली आ रही है. इस मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी हुए और कई बार सरकार की आलोचना भी हुई. संविदाकर्मी अपने आप को चुनाव के बाद ठगा महसूस करते थे लेकिन इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दर्द को समझते हुए परमानेंट किए जाने का नया रास्ता खोल दिया है. राजस्थान सरकार संविदाकर्मियों के परिवार को सबसे बड़ा तोहफा देने की तैयारी में जुट गई है.


राजस्थान में अब एक लाख संविदा कर्मी होंगे परमानेंट


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने संविदाकर्मियों के हितों को देखते हुए अहम फैसला लिया है. प्रदेश में अब 1 लाख संविदाकर्मी परमानेंट होंगे. इसके लिए सरकार जल्द ही सेवा नियम बनाएगी. उसके बाद संविदाकर्मियों की सैलरी और सुविधाएं भी बढ़ेगी. कांग्रेस सरकार के 3 साल पूरे होने पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि संविदाकर्मियों को परमानेंट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी डिपार्टमेंट में वैकेंसी 5000 से 7000 लोगों की आती है तो सबसे पहले संविदाकर्मियों को एडजस्ट किया जाएगा. इस नई कवायद से एक समान सेवा नियम बनाए जाएंगे. राजस्थान सरकार ने इससे पहले भी कई भर्तियां निकाली हैं.


अब आने वाले दिनों में कई विभागों की तरफ से नौकरी का दरवाजा खुलने जा रहा है. उस भर्ती में संविदा कर्मियों को शामिल किया जाएगा. वर्षों से संविदाकर्मियों के पद पर काम कर रहे कर्मचारियों और परिवार को काफी राहत मिलेगी. गहलोत कैबिनेट की बैठक में राज्य और केंद्र की अलग-अलग स्कीम योजना में प्रोजेक्ट के कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति के लिए राजस्थान कंटेक्सुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट रूल्स 2021 बनाने की अप्रूवल दे दी गई है. कैबिनेट के इस फैसले से मेन पावर को पूरा करने के लिए संविदा कर्मचारियों को लगाया जा सकेगा क्योंकि लंबे समय से संविदाकर्मी परमानेंट करने की मांग उठा रहे थे. संविदाकर्मियों के संगठनों की लगातार मांग रही है और कई सरकारों से परमानेंट करने की मांग करते आए हैं. खासतौर से कांग्रेस ने चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में संविदाकर्मियों को परमानेंट करने का वादा किया था. 


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