Rajasthan News:  सरकार की लेट लतीफी कहें या हादसा लेकिन एक व्यक्ति की जान चली गई. अब इस परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. ये व्यक्ति अपने घर की दीवार के सहारे धूप में बैठा हुआ था तभी दीवार उसके ऊपर आकर गिर गई जिससे वह नीचे दब गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस मौत के पीछे कारण सरकार तंत्र की उदासीनता माने या नियति का निधान लेकिन इस परिवार पर दुखों का पहाड टूट गया.


बाढ का मुआवजा मिल जाता तो बच जाती जान
इटावा नगर के झाड़ोल रोड पर शनिवार को कच्चे मकान की दीवार गिरने से उसके नीचे दबने से 40 वर्षीय युवक की मौत हो गई. इटावा एसएचओ धनराज मीना ने बताया कि महावीर पुत्र नन्दकिशोर बैरवा अपने घर में दीवार के सहारे बैठा हुआ था, इस दौरान अचानक दीवार गिर गई, जिससे उसके नीचे दबने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना की सूचना के बाद मौके से शव को इटावा अस्पताल लाया गया, जिसका रविवार को पोस्टमार्टम राजकीय अस्पताल इटावा में किया जाना है. वहीं इस घटना के बाद मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई. लोगों ने बताया कि इस व्यक्ति का मकान बाढ में डूब गया था, जिसका मुआवजा दिया जाना था, लेकिन सरकार ने नहीं दिया जिससे वह मकान की मरम्मत नहीं करा सका.


मृतक इकलौता कमाने वाला था, माता-पिता पत्नी और बच्चों का छिना सहारा
मृतक महावीर बैरवा परिवार का इकलौता कमाने वाला था, जो मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन कर रहा था. महावीर के घर मे वृद्ध माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे तथा एक अविवाहित छोटा भाई है. इस घटना के बाद परिवार के सदस्यों पर दुखो का पहाड़ टूट गया है. मृतक महावीर का सुसराल गांव लुहावद है. मकर सक्रांति के चलते पत्नी और तीनों बच्चे अपने ननिहाल लुहावद गए हुए थे. इस दौरान महावीर घर में धूप में दीवार के सहारे बैठा हुआ था, लेकिन इस दौरान यह दुर्घटना घटित हो गई.


चार माह से सरकार तंत्र दे रहा था आश्वासन
परिजनों ने बताया कि इस साल बारिश और सुखनी नदी में आई बाढ़ से महावीर का मकान डूब गया था. लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण जर्जर दीवारों में ही जीवन यापन कर रहा था. उसने सरकारी सहायता के लिए आवेदन भी किया था तथा पिछले चार माह से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे थे, उसको कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलने से वह मरम्मत नहीं करा पाया और यह घटना घटित हो गई जिसमें परिवार का सब कुछ लूट गया. हरमरेंद्र मीना, हल्का पटवारी इटावा का कहना है कि मृतक महावीर के परिवार का बाढ़ प्रभावित सर्वे सूची में नाम है तथा सहायता के लिए सूची जिला कलेक्टर कोटा के यहां प्रेषित की जा चुकी है. मुआवजा राशि वहीं से जारी होगी.  


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