Rajasthan News: राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत कार्य कर रहे समाज कल्याण बोर्ड (Samaj Kalyan Board Rajasthan) को केन्द्र की मोदी सरकार के आदेश के बाद भी गहलोत सरकार ने इसे बंद नहीं किया. बल्कि गहलोत सरकार ने समाज कल्याण बोर्ड को एक नया रूप दिया. यह समाज कल्याण बोर्ड देश में अब केवल राजस्थान में ही संचालित हो रहा है. बोर्ड की अध्यक्ष डॉ अर्चना शर्मा (Archana Sharma Congress) ने बताया कि वर्ष 2017 में नीति आयोग ने केन्द्र सरकार को एक सुझाव दिया था कि देश भर के समाज कल्याण बोर्डों को भंग कर दिया जाना चाहिए और केंद्र सरकार ने भंग करने के लिए पत्र भी लिखा था. लेकिन अशोक गहलोत सरकार ने भंग करने की बजाय इसे फिर से मजबूत किया जो कि अब बेहतर तरीके से संचालित किया जा रहा है.
अर्चना शर्मा ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने इस बोर्ड के लिए अपनी पूरी सहायती बंद कर दी है. अब केवल गहलोत सरकार (Gehlot Government) इस पर पैसा खर्च कर रही है. जिसकी वजह से कुछ कार्यक्रमों और योजनाओं पर भी असर पड़ता दिखाई दे रहा है.
केन्द्र की नीति से बंद होने के कगार पर FCC
बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा का कहना है कि कभी यह बोर्ड बहुत बड़ा हुआ करता था लेकिन नीति आयोग ने इसे बंद करने के लिए जब केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था तभी से राज्य सरकार अकेले काम कर रही है. शर्मा ने कहा कि सरकार की योजनाओं को जनता तक ले जा रही हूं. हमारा जो मैंडेट है वह महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए योजनाएं बनाना और उनकी मॉनिटरिंग करना है. उन बातों को सरकार तक प्रेषित करना ताकि कुछ भी अच्छा हो तो उसे कानून बनाया जा सके. इस काम को बखूबी कर रही हूं. केन्द्र सरकार की नीति के कारण फैमिली कॉउंसिल सेंटर (Family Council Centre) भी बंद होने के कगार पर है. इसलिए हम लोग लगातार केन्द्र सरकार से पत्राचार भी कर रहे हैं.
सरकार के दो गुट फिर भी हो रहा है काम ?
बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा का कहना है कि राजनीति प्रतिस्पर्धा का नाम है. राजनीति में जो सक्रिय रहेगा वहीं जीवित रहेगा. मैं हमेशा जनता के बीच में हूं और जनता ने हमें खूब सहयोग किया है. मैं चुनाव भले हारी हूं लेकिन मालवीय नगर विधान सभा क्षेत्र में इस सरकार ने अरबों रूपये का काम कराया है. गुट नहीं मिल-जुलकर काम कर रहे हैं. जनता यह भी चाहती है कि उनका वोट लेकर आप उनका मालिक न बनिए बल्कि उनके लिए काम करिए. अर्चना शर्मा का कहना है कि जिस मालवीयनगर (Malviya Nagar) में मैं अकेले पार्षद हुआ करती थी अब वहां कांग्रेस के 10 पार्षद हैं. इसका मतलब हमारा काम दिख रहा है. रवायत भी बदल रही है.
सरकारी महिला कर्मचारियों को पीरियड्स के दौरान मिले वर्क फ्रॉम होम
पिछले दिनों अर्चना शर्मा ने सरकार को सुझाव दिया था कि सरकारी महिला कर्मचारियों को पीरियड्स (Periods) के दौरान वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) मिले. यह विचार मुख्यमंत्री की उड़ान योजना को देखकर आया. जब पुरुष होकर हमारे सीएम महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन (Napkin) दे रहे हैं तो हमें भी उनसे प्रेरणा मिलती है. सामाजिक अधिकारिता विभाग सरकार का तीसरे नबंर का विभाग माना जाता है लेकिन योजनाओं के मामले में सबसे बड़ा है. हमने बहुत काम किया है.
अर्चना शर्मा ने कहा की मालवीयनगर विधान सभा क्षेत्र में मेरी हार का जनता को भी मलाल है. मालवीयनगर में दो बार हार के बाद भी मेरे साथ जनता जुड़ी हुई है. जी जान से लोग मेरे साथ है. इस बार के विधानसभा चुनाव में हम बड़े मार्जिन से चुनाव जीतेंगे और उनके लिए अनवरत काम जारी रहेगा.