Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में कोर्ट का एक आदेश इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल जिले की केशोरायपाटन सिविल न्यायाधीश व न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा है कि कापरेन थाने के एएसआई भगवान सिंह को स्वर्ग लोक से पाताल लोक तक तलाश कर लाया जाए. केशोरायपाटन के सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कापरेन थाने के एसएचओ को यह पत्र लिखा है. पत्र लिखने के बाद यह पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और सुर्खियों में है. आदेश 20 जून का बताया जा रहा है. कोर्ट ने ऐसा आदेश इसलिए दिया क्योंकि लंबे समय से एक मामले में गवाह के रूप में कापरेन थाने के एसआई भगवान सिंह को उपस्थित होना था, लेकिन भगवान सिंह कोर्ट में अनुपस्थित रहे जिसके चलते कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए पुलिस को स्वर्ग लोक से पाताल लोक तक तलाश करने के निर्देश दिए हैं.
ASI का कोटा हुआ है ट्रांसफर
इस मामले में कापरेन थाना अधिकारी सुरेश गुर्जर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि उन्हें इस प्रकार का कोई लेटर नहीं मिला है. उधर केशोरायपाटन के डीएसपी शंकर लाल ने बताया की पत्र जारी करने का मामला संज्ञान में आया है. कोर्ट ने कापरेन थाने के कांस्टेबल रामहेत को गवाह ढूंढ कर तामील करवाने के निर्देश दिए है. उन्होंने बताया कि एएसआई भगवान सिंह का तबादला साल भर पूर्व कोटा रेंज में ही हो गया था. जिस मामले में उन्हें गवाह बनाया गया है वह उस समय का कापरेन थाने में एएसआई के पद पर कार्यरत थे. उन्होंने कहा कि लेकिन अब कोटा रेंज के कौन से थाने में वो तैनात हैं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उधर जानकारी के अनुसार एएसआई भगवान सिंह अब कोटा रेंज में प्रमोशन होने के बाद सब इंस्पेक्टर बन गए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिसकर्मियों में भी हड़कंप मच गया है.
कोर्ट ने लेटर में क्या कहा?
केशोरायपाटन के सिविल न्यायाधीश व न्यायिक मजिस्ट्रेट ने लेटर में कापरेन एसएचओ को लिखा कि गवाह के रूप में कापरेन थाने के एसआई भगवान सिंह के थाने में रहते हुए काफी पत्रावली में वो खुद जांच अधिकारी थे. उन सभी मामलों में गवाह भगवान सिंह अंतिम साक्षी के रूप में अभियोजन की ओर से शेष है. कोर्ट ने लगातार तलब किए जाने के बाद भी भगवान सिंह उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्य लेख बंद नहीं हो सके. न्यायाधीश ने अपने लेटर में यह भी कहा कि यह सभी पत्रावली 5 साल से ज्यादा पुरानी है और न्यायिक मजिस्ट्रेट के गवाह साक्ष्य के लिए 5 जुलाई की तारीख नियत की गई है.
पुराने मामलों को जल्द निपटाने का है आदेश
गौरतलब है कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने 5 व 10 साल पुराने मामलों में त्वरित गति में निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं. जिस पर केशोरायपाटन सिविल न्यायाधीश ने आदेश जारी करते हुए कहा है की उक्त गवाह के लगातार कोर्ट में साक्ष्य के लिए अनुपस्थित रहने पर पत्रावली की उम्र और प्रकरण को दृष्टि देखते हुए निर्देश है कि गवाह भगवान सिंह पुत्र समुंद्र सिंह को स्वर्ग लोक से पाताल लोक तक तलाश कर गवाही की तामील आवश्यक रूप से करवाए जाना सुनिश्चित करें.
ये भी पढ़ें