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Rajasthan News: स्कूल में ही बनेगा छात्रों का मूल निवास प्रमाण पत्र, गृह विभाग ने जारी की एडवाइजरी
स्कूलों में यह प्रोसेस होने से बच्चे और अभिभावकों की मेहनत कम होगी, साथ ही खर्च भी आधा हो जाएगा.
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Jodhpur: राजस्थान में छात्रों के मूल निवास प्रमाण पत्र की पूरी प्रक्रिया अब स्कूलों में ही होगी. पांचवीं और आठवीं के छात्रों का मूल निवास बनाने के लिए आवेदन उनके स्कूल से भरे जाएंगे नाकि ई- मित्र केंद्र से. सक्षम अधिकारी की ओर से जरी होने के बाद मूल निवास प्रमाण पत्र स्कूल से ही वितरित किए जाएगें.
गृह विभाग ने इसकी एडवाइजरी जारी करते हुए आवेदन की प्रक्रिया और दिशा निर्देश जारी कर दिए. गृह विभाग के दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 5 से 8वीं तक के विद्यार्थियों के मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एडवाइजरी जारी किया.
निर्धारित आवेदन स्कूल के संस्था प्रधान दस्तावेज को सरकार की ओर से वर्ष में एक बार सितंबर-अक्टूबर में अधिकृत उपखंड अधिकारी के परिक्षेत्र में भराएंगे.प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने भी इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. गृह विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में आवेदन में सही जानकारी भरने की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी. ताकि भविष्य में छात्रों को छात्रवृत्ति आदि के लिए परेशानी नहीं हो.
संस्था सबसे पहले सभी स्थापित ई-मित्र मित्र सोएससी केंद्र के माध्यम से सक्षम अधिकारी को आगे की कार्रवाई के लिए भेजने की व्यवस्था करेगी. गृह विभाग रूप 9 के संयुक्त सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार संभावित कक्षा 5 में पढ़ने वाले छात्र को मूल निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
अपरिहार्य कारणों से कक्षा 5 में किसी छात्र का मूल निवास प्रमाण जारी नहीं किया जाता है, तो ऐसे छात्रों का मूल निवास प्रमाण कक्षा 8 में भी जारी किया जा सकता है. प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने भी गृह विभाग के इन आदेशों का पालन करने के निर्देश जारी किए हैं.
स्कूलों को भी होगा फायदा
सक्षम अधिकारी नियमानुसार जांच करने के बाद 30 से 60 दिनों में प्रमाण पत्र जारी करेंगे. अगर आवेदन किसी कारण से निरस्त किया जाता है तो इसका कारण सहित सूचना दी जाएगी.
वहीं छात्रों के रूप मे नियमित स्कूल आने से जल्द त्रुटि में सुधार कम समय से पूरी हो सकेगी. इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा. मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद एक कॉपी स्कूल में छात्रों के लिए रियायत और सुविधा के लिए रखी जायेगी.
अभी यह है प्रक्रिया
अभी किसी भी छात्र को अधिवास और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहले पटवारी, सरपंच को दो अधिकारियों से कराना होता है. सभी के हस्ताक्षर के बाद छात्र की ओर से ई-मित्र केंद्र पर आवेदन किया जाता है. उसके तहसीलदार के पास आवेदन जाता है. है। यहां से सत्यापित होने के बाद संबंधित उपखंड अधिकारी के पास जाता है.
यहां से खरा प्रोसेस होने के उपखंड अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर होने के बाद प्रमाण पत्र फिर से ई-मित्र पर आ जाता है. ऐसे में छात्र को कई बार अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों के पास जाना पड़ता है. ऐसे में आपको कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है. प्रमाण पत्र पर कार्य भी बहुत ज्यादा होता है. अब स्कूलों में प्रोसेस होने से बच्चे और अभिभावकों की मेहनत कम होगी, साथ ही खर्च भी आधा हो जाएगा.
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