(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ajmer News: राजस्थान में सक्रिय नकल गिरोह कर रहा पेपर लीक, अब MDS यूनवर्सिटी में सामने आया नया मामला
नकल गिरोह परीक्षा केंद्रों के प्रभारियों द्वारा यूनिवर्सिटी एग्जाम की गोपनीयता भंग करने और अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए एग्जाम शुरू होने से पहले ही पेपर लीक कर देते हैं.
Exam Paper Leak in Rajasthan: राजस्थान में नकल गिरोह सक्रिय होने से एक बार फिर एग्जाम पेपर लीक (Paper Leak) होने का मामला सामने आया है. अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (MDS University) की ओर से आयोजित हो रही परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस मामले को लेकर अजमेर पुलिस महानिरीक्षक को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच करवाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पुलिस को बताया मामला
एमडीएस यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर प्रोफेसर सुब्रतो दत्ता ने अजमेर रेंज आईजी से मांग की है कि वार्षिक परीक्षाओं की संगठित नकल गिरोह की ओर से सोशल मीडिया पर तथाकथित पेपर वायरल कर गोपनीयता भंग करने की साजिश का भंडाफोड कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. पत्र में लिखा कि एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर संभाग के अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर जिले के प्राइवेट व सरकारी कॉलेजों में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर सत्र 2021-2022 की वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करवा रही है.
इस बीच जानकारी मिली है कि संगठित नकल गिरोह परीक्षा केंद्रों के प्रभारियों द्वारा यूनिवर्सिटी एग्जाम की गोपनीयता भंग करने, चहेतों को गैर-कानूनी रूप से अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक किए. सोशल मीडिया पर पेपर वायरल किए जाने की जानकारी मिली है.
इन शहरों में सामने आए मामले
एग्जाम कंट्रोलर दत्ता ने बताया कि नागौर जिले के कुचामन, नावां, लाडनूं, डीडवाना, भीलवाड़ा, टोंक एवं अजमेर के प्राइवेट कॉलेजों के परीक्षा केंद्रों से पेपर लीक की सूचनाएं मिली है. अनुचित लाभ प्राप्त कर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने एवं परीक्षाओं की गोपनीयता भंग करने की साजिश की जा रही है. इन तथ्यों की खुफिया तरीके एवं गहनता से जांच करवाकर इस तरह के साजिशकर्ताओं एवं संगठित गिरोहों का भंडाफोड़ कर कठोर दंड दिया जाए.
'पेपर लीक में यूनिवर्सिटी व कॉलेज का हाथ'
एमडीएस यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष महिपाल गोदारा ने लगातार पेपर लीक होने की घटनाओं पर चिंता जताई है. उनका कहना है कि पेपर लीक करने में यूनिवर्सिटी या कॉलेज अधिकारियों का ही हाथ है. किसी भी स्टूडेंट के हाथ में पेपर सीधा नहीं पहुंच सकता. अधिकारी ही लालच में आकर पेपर लीक करते हैं. ऐसी घटनाओं से स्टूडेंट्स का भविष्य खराब हो रहा है. कॉलेजों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है. रेग्युलर क्लासें नहीं लगती. ऐसे में स्टूडेंट्स पढ़ाई नहीं कर पाते और परीक्षाओं में पेपर के भरोसे रहते हैं. कॉलेज को पत्र लिखकर इस ढर्रे में सुधार करवाने की मांग करूंगा. पेपर लीक प्रकरण में जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
350 कॉलेज में 3 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स
अजमेर संभाग के चार जिलों में प्राइवेट और सरकारी कॉलेज महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं. अजमेर, टोंक, नागौर व भीलवाड़ा में करीब 350 कॉलेज इस यूनिवर्सिटी के अधीन हैं. इन कॉलेजों में तीन लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं. 27 जुलाई से इन कॉलेजों में यूनिवर्सिटी परीक्षाओं का आयोजन कर रही है.
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