Baran News: राजस्थान भले ही देश में बेहतरीन चिकित्सा व्यवस्था का दम भरता हो, लेकिन आज भी कई जिले ऐसे हैं, जहां चिकित्सा व्यवस्था के हाल अभी भी जस के तस हैं. साथ में अधिकारी और कर्मचारियों की मानवीय संवेदनाएं भी खत्म हो रही हैं. ऐसा ही एक मामला बारां में देखने को मिला जब एक परिवार महिला के शव को लेकर भटकता रहा लेकिन उसकी किसी ने मदद नहीं की. शव को ले जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, ये ही नहीं महिला की मौत से पहले उसे बारां से कोटा लाना था, लेकिन उसकी किसी ने मदद नहीं की ना ही अस्पताल प्रशासन ने एम्बुलेंस की कोई व्यवस्था की. ऐसे में कुछ देर बाद ही महिला ने दम तोड़ दिया. ऐसी अमानवीय घटना से लोग व्याकुल हो गए.


परिस्थिति कमजोर होने का भी दिया हवाला
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि शहीद राजमल मीणा जिला अस्पताल में सोमवार दोपहर को महिला किशनगंज निवासी कमलेशबाई डायलिसिस के लिए पहुंची थी. इस दौरान महिला की तबीयत बिगड़ी तो वहां तैनात स्टाफ ने इमरजेंसी यूनिट में पहुंचा दिया. इमरजेंसी यूनिट में दोपहर करीब ढाई बजे कमलेश बाई को कोटा रेफर कर दिया. मरीज को कोटा ले जाने के लिए परिस्थिति कमजोर होने का हवाला दिया लेकिन सुनवाई नहीं हुई. कुछ  देर बाद महिला ने दम तोड़ दिया. परिजन बिलखते रहे, उनका रो रो कर बुरा हाल हो गया, अब शव को घर ले जाने की बारी आई तो भी वही समस्या सामने आई एम्बुलेंस नहीं थी. निशुल्क शव वाहन नहीं मिलने से परिजन महिला के शव को लेकर भटकते रहे. मामले की सूचना मिलने पर पीएमओ ने दूसरी एम्बुलेंस से शव को भिजवाया.


अस्पाल की एम्बुलेंस खराब
अस्पताल में संचालित निशुल्क एंबुलेंस वहां नहीं मिली. बताया गया कि पिछले साल बाढ़ में एम्बुलेंस खराब हो गई थी. तब से ही गरीब तबके के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक साल से अस्पताल प्रशासन एम्बुलेंस को ठीक नहीं करा सका. महिला की मौत के बाद परिजनों का रोकर बुरा हाल हो गया. इन्हें रोता देखकर मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई. मामले की सूचना मिलने पर दूसरी एंबुलेंस से शव को पहुंचाने का इंतजाम किया गया.
 
बारां में नहीं है नेफ्रोलॉजिस्ट
अस्पताल के यूनिट प्रभारी विश्वेन्द्र सिंह का कहना है कि महिला डायलिसिस मशीन पर नहीं थी. तबीयत बिगड़ने पर इमरजेंसी में भेजा गया. बारां में नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं होने से उसको कोटा रेफर किया था. परिजन उसको कोटा लेकर नहीं गए, यूनिट का जनरेटर खराब है. इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन को सूचित कर रखा है. यहां पहुंचने वाले मरीजों की डायलिसिस अनुबंध पर लगे डॉक्टर की देखरेख में की जाती है.


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