Bundi News:  राजस्थान सरकार द्वारा पिछले साल बूंदी जिला अस्पताल में बनवाया गया भव्य आईसीयू वार्ड मानसून की दूसरी बारिश भी नहीं झेल पाया. आईसीयू वार्ड की टपकती छत मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. मरीज परेशान हैं लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. यही नहीं आईसीयू वार्ड में स्टाफ की कमी से समय पर सफाई भी नहीं हो पा रही है.


भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आईसीयू वार्ड निर्माण कार्य


बता दें कि राजस्थान सरकार ने पिछले साल मरीजों को राहत देते हुए जिला अस्पताल में आईसीयू का भव्य निर्माण कराया था. सरकार ने इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च किये, मगर लगता है कि निर्माण कार्य भ्रष्टातार की भेंट चढ़ गया. नई बिल्डिंग का टपकना इसकी बानगी है. हालात ये हैं कि वार्ड की छत दूसरी बारिश भी नहीं झेल पाई और टपकने लगी है. छत टपकने से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है, लेकिन पीएमओ के पास उनकी सुधि लेने का समय नहीं है. छत के टपकने से आईसीयू के अंदर रखे लाखों के उपकरण खराब होने की कगार पर हैं. आईसीयू वार्ड में लापरवाही इतनी है कि पर्याप्त मात्रा में स्टाफ न होने से आईसीयू की सफाई भी नहीं हो रही है, जिससे मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 


तीमारदारों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
मरीज के तीमारदार मोहसीन बेग ने बताया कि भले ही राजस्थान सरकार द्वारा आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए अस्पताल में विकास कार्य करवाये जा रहे हों लेकिन प्रशासन और चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं. उन्होंने कहा कि आईसीयू वार्ड के अंदर स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को सफाई से लेकर अपने इलाज तक के लिए इंतजार करना पड़ता है. कई बार तो इस कारण कई लोगों की जान तक जा चुकी है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यही हालात रहे तो उग्र आंदोलन करना पड़ेगा


आईसीयू ही नहीं अन्य वार्डों की भी हालत खराब


बारिश का दौर शुरू होते ही जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों और तीमारदारों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है. अस्पताल का कोना-कोना टपकने लगा है. वाडों की गैलरी में पानी भरने से फिसलन हो रही है और चोटिल होने का खतरा बढ़ गया है. यहां जिला अस्पताल में ट्रोमा वार्ड, आईसीयू, मेडिकल वार्ड, आउटडोर की गैलरियां, सर्जिकल वार्ड, कोरोना वार्ड में कई जगह पानी टपक रहा है और पानी भरा हुआ है. ऑपरेशन थिएटर में भी पानी टपक रहा है. ऐसे में इंफेक्शन फैलने का खतरा और बढ़ गया है.


पीएमओ ने दी ये सफाई
बूंदी जिला अस्पताल में 5 बेड के पुराने आईसीयू को बंद कर 9 बेड का नया आईसीयू बनाया गया था. 11 जून 2021 को इसकी शुरुआत हुई. सालभर पहले ही 1 करोड़ 8 लाख रुपए खर्च कर बनाया गया आईसीयू भी टपकने लगा है. पिछले साल भी समस्या थी, पर अस्पताल प्रशासन ने बजट की कमी बताकर उपाय नहीं किए. इधर पीएमओ राकेश तनेजा का कहना है कि अस्पताल की बिल्डिंग की मरम्मत के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा हुआ है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल रही. जैसे स्वीकृति मिलेगी, मरम्मत कार्य कराए जाएंगे. सबसे पहले आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर की मरम्मत का काम होगा. फिर बजट के अनुसार सभी जगह काम कराया जाएगा. बजट के अभाव में काम नहीं हो पा रहा है.


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