Milk Distribution in Rajasthan Schools: राजस्थान के सरकारी स्कूलों (Rajasthan Govt Schools) में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अब 'मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना' (Mukhyamantri Minister Bal Gopal Yojana) के तहत सप्ताह में दो दिन दूध (Milk) उपलब्ध करवाया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट (Budget) में घोषित इस योजना को मंजूरी दे दी है. जल्द ही मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Yojana) से जुड़े राजकीय विद्यालयों, मदरसों और विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में बच्चों को दूध उपलब्ध कराया जाएगा. शिक्षकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के कार्यकाल में प्रत्येक वर्किंग डे में दूध मिलता था जिसे गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Govt) ने बंद कर दिया था, अब इसे फिर लागू किया गया है.


शिक्षा विभाग (Education Department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल (Pawan Kumar Goyal) ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के लागू होने से कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार होने के साथ ही राजकीय विद्यालयों में नामांकन और उपस्थिति में बढ़ोतरी होगी और विद्यार्थियों का ड्रॉप आउट भी रुक सकेगा. इससे मिड डे मील की पौष्टिकता में भी सुधार होगा. उन्होंने बताया कि योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत करीब 69 लाख 21 हजार बच्चों को पाउडर से तैयार दूध सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को उपलब्ध करवाया जाएगा. इन दिनों में अवकाश होने पर अगले शैक्षणिक दिवस को दूध उपलब्ध करवाया जाएगा. 


बच्चों को दिया जाएगा इतना दूध


पवन कुमार गोयल ने बताया कि कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर और कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर दूध वितरित किया जाएगा. पाउडर मिल्क की खरीद राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन से की जाएगी. मिड डे मील के माध्यम से जिलेवार पाउडर मिल्क का आवंटन किया जाएगा. आरसीडीएफ (RCDF) द्वारा ही आवंटन के अनुसार विद्यालयों तक पाउडर मिल्क की डोर स्टेप डिलीवरी की जाएगी. प्रत्येक विद्यालय में विद्यार्थियों को निर्धारित दिवसों पर प्रार्थना सभा के तुरंत बाद दूध उपलब्ध करवाया जाएगा. इसका उत्तरदायित्व विद्यालय प्रबंधन समिति का होगा. दूध की गुणवत्ता का मापन आरसीडीएफ और विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.


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योजना के क्रियान्वयन के लिए ये लोग होंगे जिम्मेदार


अधिकारी ने बताया कि योजना के प्रभावी और सुव्यस्थित क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मिड-डे मील आयुक्त उत्तरदायी होंगे. इसी प्रकार जिला स्तर पर जिला कलेक्टर, ब्लॉक स्तर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी और विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबंधन समिति उत्तरदायी होगी. ये सभी योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करेंगे. योजना के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके अनुरूप योजना का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा.


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