(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jaipur: आदिवासी समुदाय का जल-जंगल और जमीन को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आदिवासी कम उम्र में बच्चों का विवाह न कर उनकी शिक्षा पर ध्यान दें. उन्होंने अधिकारियों को जंगल से जुडे़ उत्पादों की मार्केटिंग की प्रभावी व्यवस्था करने को कहा.
Rajasthan News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने मंगलवार को कहा कि आदिवासी समुदाय (Tribal Community) का जल-जंगल और जमीन को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान है. राष्ट्रपति ने यहां राजभवन में सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. उन्होंने इस दौरान उनसे संवाद करते हुए उनकी रोजमर्रा की समस्याओं की जानकारी ली.
'कम उम्र में बेटियों का विवाह न करें'
आधिकारिक बयान के अनुसार इस अवसर राष्ट्रपति ने जनजातीय समुदाय के लोगों द्वारा कम उम्र में बच्चों का विवाह नहीं करने और बालिकाओं की शिक्षा पर अधिक ध्यान देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी आह्वान किया. संवाद के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद रहे. राष्ट्रपति मुर्मू ने सहरिया व कथौड़ी जनजाति समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को अधिकाधिक पढ़ाने और स्वावलम्बन से जोड़े जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि बेटियों को अधिक से अधिक पढ़ाने की जरूरत है; इसी से उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे.
'जल-जंगल, जमीन बचाने में आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान'
राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय का जल-जंगल और जमीन को बचाने में महती योगदान है। उन्होंने आदिवासी समुदाय को मेहनत-मजदूरी करते हुए युवा पीढ़ी को श्रम से लगाव कर जीवन को संवारने के लिए प्रेरित करने का भी आह्वान किया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के चुने हुए प्रतिनिधियों से संवाद की बजाय स्वयं अपने स्तर पर ऐसे बैठे लोगों के पास जाकर उनके हाल जाने. उन्होंने समुदाय के प्रतिनिधियों की रोजमर्रा की दिनचर्या के बारे में भी बातचीत की तथा उन्हें पेयजल, बिजली और अन्य उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूछा. राष्ट्रपति ने इस दौरान सरकारी योजनाओं के साथ-साथ स्वयं मेहनत-मजदूरी करने की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पारम्परिक हुनर और हस्त कौशल से जुड़े कार्यों के जरिए आजीविका वृद्धि के अधिकाधिक प्रयास किए जाने पर भी जोर दिया.
विभिन्न सरकारी योजनाओं की ली जानकारी
राष्ट्रपति ने संवाद के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना आदि के साथ ही राज्य सरकार स्तर पर जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए क्रियान्वित योजनाओं के बारे में भी सहरिया और कथौड़ी आदिवासी समुदाय की महिलाओं और पुरुषों से बातचीत कर जानकारी ली.
बाद में उन्होंने वहां उपस्थित राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा और अन्य अधिकारियों को आदिवासी क्षेत्रों में जन कल्याण से जुड़ी योजनाओं का व्यवहार में क्रियान्वयन किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने मधुमक्खी पालन तथा अन्य ऐसे कार्यों को प्रोत्साहन देने के साथ ही आदिवासी समुदाय द्वारा जंगल से जुड़े उत्पादों की मार्केटिंग की प्रभावी व्यवस्था किए जाने के लिए भी कार्य करने की आवश्यकता जताई.
राज्यपाल और सीएम ने कही ये बात
राज्यपाल कलराज मिश्र ने संवाद के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों में राजभवन की पहल पर किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताते हुए युवाओं को कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों से लाभान्वित किए जाने के बारे में जानकारी दी. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने अधिकारियों को राष्ट्रपति मुर्मू के दिए निर्देशों के अंतर्गत आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को व्यावहारिक स्तर पर लाभान्वित किए जाने के निर्देश दिए.
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