उदयपुर: मकर सक्रांति के बाद देशभर में शहनाइयों की गूंज शुरू हो गई है.अब अलग-अलग जगह अलग-अलग अंदाज में शादियां होते दिखाई देंगी.वहीं इससे पहले पिछले एक माह से प्री वेडिंग शूट का समय चल रहा था.अब शहनाइयों की बात करे तो रॉयल वेडिंग के गढ़ कहे जाने वाले मेवाड़ में शादियों की शुरुआत हो चुकी है.यहां शुरुआत में इस बार कुछ खास है,क्योंकि यहां शादियों की शुरुआत पूर्व राजघराने से हुई है.इसमें भी एक खास बात यह कि मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य डॉ.लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ मायरा लेकर जाते हुए दिखाई दिए. यहीं नहीं मायरा लेकर जा रहे थे तो बस भी खुद उन्होंने ही चलाई.इनके साथ कई राजघराने के सदस्यों के साथ अभिनेता और जाने-माने कवि शैलेष लोढा भी थे.
बहन के घर पहुंचे युवराज
दरअसल मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की बहन भार्गवी कुमारी मेवाड़ की बेटी लोकविया राठौड़ की शादी थी.इसमें लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ शाही लवाजमे के साथ अपनी बड़ी बहन भार्गवी कुमारी मेवाड़ की बेटी लोकावीया राठौड़ की शाही शादी में रस्मों का परंपरानुसार निर्वहन करने पहुंचे.खास बात यह है कि लक्ष्यराज सिंह अपने बेटे हरितराज सिंह मेवाड़ संग मायरा की रस्म का निर्वहन करने के लिए सिटी पैलेस से शहर के पास स्थिति नाई स्थित शादी समारोह स्थल के लिए खुद बस चलाकर ले गए.
लक्ष्यराज सिंह इस बस में अपने पूरे परिवार,अभिनेता और अंतरराष्ट्रीय कवि शैलेश लोढ़ा सहित अन्य इष्ट मित्रों को बैठाकर लेकर गए.लक्ष्यराज सिंह जैसे ही समारोह स्थल बस से मायरा की रस्म अदा करने पहुंचे तो देशभर से आए पूर्व राजे-रजवाड़ों के पूर्व राजा-महाराजा-राजकुमार देखकर दंग रह गए.अंतरराष्ट्रीय कवि शैलेष लोढ़ा ने तो यह तक बोल दिया कि जो आदमी किसी के भी बस में नहीं आया वह अपनों को लेकर बस चला रहा है.लक्ष्यराज सिंह की बड़ी बहन भार्गवी कुमारी मेवाड़ की बेटी लोकावीया राठौड़ रविवार को इस शाही शादी में बिस्साऊ ठिकानेदार आंजनेय सिंह बिस्साऊ के साथ विवाह बंधन में बंधीं.
यहां से आए राजघरानों के सदस्य
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ मायरा की रस्म में रावत हिम्मत सिंह बेदला, रोहिताश्व सिंह गोगुंदा, अजय विक्रम सिंह करजाली, डॉ. कुश सिंह परमार संतरामपुर, रावत गुणवंत सिंह झाड़ोल, महिपाल सिंह सरदारगढ़, राघवराज सिंह शिवरती, रावत विक्रम सिंह बोहेड़ा, हनुमंत सिंह बोहेड़ा, महिपाल सिंह शिवरती, जयवीर सिंह खुड़ाला,विश्वविजय सिंह झाड़ोल, ईशांत सिंह भूपालगढ़, परीक्षित सिंह भूपालगढ़, सिद्धार्थ सिंह रोहिट, मानवेंद्र सिंह जसौल, पूर्व महाराजा कनकवर्धन सिंह देव, जयपुर पूर्व राजघराने के सवाई पद्मनाथ सिंह सहित देशभर के प्रमुख पूर्व राजे-रजवाड़ों के पूर्व राजा-महाराजा-राजकुमार आदि शामिल हुए.
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