Rajasthan News: 81 लाख लेकर फर्जी केस बनाया, हुलिया बदलकर फरार हुआ, अब पुलिस के हत्थे चढ़ा पंजाब का इंस्पेक्टर
राजस्थान के झालावाड़ जिले की पुलिस ने पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है. आरोपी इंस्पेक्टर 81 लाख रूपये के लालच में किसी व्यक्ति के खिलाफ झूठा केस फंसाने के मामले में फरार चल रहा था.
Rajasthan: राजस्थान के झालावाड़ जिले की पुलिस ने पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर को नाकेबंदी में गिरफ्तार किया है. आरोपी इंस्पेक्टर 81 लाख रूपये के लालच में किसी व्यक्ति के खिलाफ झूठा केस फंसाने के मामले में दो माह पहले से बर्खास्त कर दिया गया था.
बदला हुलिया
आरोपी पंजाब पुलिस इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह बाजवा ने फरारी के दौरान हुलिया भी पूरी तरह बदल लिया. दाढ़ी-मूंछें साफ कराकर सिर मुंडवा लिया और पगड़ी तक हटा दी, जिससे आसानी से कोई पहचान न सके. लेकिन झालावाड़-रायपुर पुलिस ने पंजाब पुलिस द्वारा बताए गए हुलिए के आधार पर नाकेबंदी में आरोपी इंस्पेक्टर और उसके साथी को धर लिया. इस दौरान आरोपी इंस्पेक्टर ने पुलिस के साथ झगड़ा करने की भी कोशिश की. बाद में आरोपी इंस्पेक्टर को पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया.
पुलिस को मिला था इनपुट
एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि पंजाब पुलिस से इनपुट मिला था कि पंजाब पुलिस का फरार बर्खास्त इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह ( 52 ) गोवा में फरारी काट रहा था. पंजाब पुलिस के गोवा पहुंचने की भनक लगने पर वह उसके साथी के साथ लग्जरी कार से गोवा से पुणे व इंदौर होकर कोटा की तरफ आ रहा है. उसके पास हथियार होने की भी आशंका जताई गई.
एसपी ने खुद संभाली कमान
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ऋचा तोमर ने खुद के निर्देशन में ऑपरेशन चलाकर एएसपी चिरंजीलाल मीणा और पिड़ावा डीएसपी अरूण शर्मा की देखरेख में थानाधिकारी रायपुर भूपेश शर्मा के नेतृत्त्व में टीम को एमपी सीमा पर अलर्ट कर दिया गया. रायपुर थाने के सामने भी बुलेट प्रूफ हथियारबंद नाकाबंदी की गई. इस बीच एमपी की तरफ से आ रही एक कार पीवी 09 एके 7809 को रोका तो कार में सवार दो व्यक्ति मिले जिनसे पूछताछ करने पर बर्खास्त इंस्पेक्टर परमिंदर व उसका साथी चालक हरमीतसिंह सिद्धू निकले. दोनों नाकाबंदी पर तैनात टीम के साथ झगड़ा करने लगे. इस पर दोनों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया गया. बाद में पंजाब पुलिस को सूचना दी गई और आरोपी को सौंप दिया गया.
पुलिस को मिली थी नशे की खेप
एसपी ऋचा तोमर ने पंजाब पुलिस के हवाले से बताया कि आरोपी इंस्पेक्टर परमिंदर के फरार होने पर उसके पंजाब निवास ठिकानों की तलाशी ली गई तो वहां से भारी मात्रा में ड्रग व प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की खेप मिली थी. जिसके बाद उसके खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी के प्रकरण में फिरोजपुर कैंट व कुलगरी, फिरोजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई. इसके बाद पंजाब पुलिस द्वारा उसे बर्खास्त कर दिया गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए फिरोजपुर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
फर्जी केस बनाया था
पंजाब पुलिस से बर्खास्त इंस्पेक्टर परमिंदर सिंह बाजवा जुलाई 22 में प्रभारी नारकोटिक्स सेल इंस्पेक्टर था और फिरोजपुर कैंट में तैनात था. उसने अपने साथी एएसआई अंगरेज सिंह व हैड कांस्टेबल जोगिंदर सिंह के साथ मिलकर किसी से 86 लाख रुपए मिलने पर उनके विरुद्ध 1 किलो हेरोइन व 5 लाख रुपए ड्रग मनी का केस बना दिया था. विजिलेंस जांच में वह व्यक्ति निर्दोष पाया गया और पुलिस ने फर्जी मुकदमा बनाए जाने पर इंस्पेक्टर परमिंदरसिंह बाजवा और उसके साथी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध पंजाब पुलिस ने मामला दर्ज किया, तो ये सभी फरार हो गए. इस मामले में पंजाब पुलिस ने एएसआई अंगरेज सिंह व हेड कांस्टेबल जोगिंदर सिंह को पुलिस ने पहले ही पकड़ लिया था.
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