Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में महज चार महीने का समय बचा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों टी-20 'सियासी मैच' खेल रहे हैं. किसी की तरफ से बैटिंग तेज है तो कोई बॉलिंग तेज कर दी है. इसी कड़ी में आज विधानसभा में जैसे ही अशोक गहलोत के मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ने सियासी बॉलिंग की तुरंत पलक झपकते ही नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने धुआंधार बैटिंग करते हुए 'सियासी बॉल' को बाउंड्री के बाहर पहुंचा दिया. 


नतीजा यह रहा कि शाम होते-होते हैं मंत्रिमंडल से गुढ़ा की छुट्टी हो जाती है. राजेंद्र सिंह गुढ़ा के मंत्रिमंडल से छुट्टी होने से ज्यादा राजेंद्र राठौड़ के 'बैटिंग' की चर्चा है. राजेन्द्र राठौड़ ने गुढ़ा के बयान को मुद्दा बनाया और कांग्रेस सरकार पर दबाव बढ़ गया. राजेंद्र सिंह राठौड़ ने ही कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे के मामले को कोर्ट में चुनौती दी थी. जिस वजह से उन दिनों उनकी खूब चर्चा हुई थी. 


राजेन्द्र राठौड़ में किया ट्वीट
राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व रेप की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं. संविधान के आर्टिकल 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और एक मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हमारी नहीं तो कम से कम अपने मंत्री के बयान पर तो संज्ञान लो. गृहमंत्री के रूप में लचर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी तो संभाल लो."


गुढ़ा ने की थी ओवैसी से मुलाकात 
दरअसल, पिछले दिनों जयपुर में ओवैसी से राजेंद सिंह गुढ़ा की मुलाकात हुई थी. उस मुलाकात के बात यह माना जा रहा था कि कुछ दिन में ही गुढ़ा से जुड़ी कुछ सियासी अपडेट आएगी. मसलन, गुढ़ा अशोक गहलोत सरकार में रहकर ही सरकार पर हमला बोलने की पूरी तैयारी में थे. इसके असर आने वाले दिनों में और भी देखे जा सकते हैं. 


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