Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में भले ही 10 महीने से कम का समय हो लेकिन प्रदेश की राजनीति अभी से गरमाई हुई है. गई है. कल जाट महाकुंभ में राजस्थान के सीएम जाट बनाये जाने की मांग की गई. कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी ने कहा कि उन्हें कोई राजनीतिक डर नहीं है. उन्होंने खुलकर मंच पर ये बात कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमारी आबादी 25 प्रतिशत है तो राजनीति में हमारी भागीदारी कम क्यों? डूडी ने कहा कि हमें नंबर दो नहीं बल्कि नंबर एक की कुर्सी चाहिए. 


रामेश्वर डूडी के इस बयान को बड़े परिदृश्य में देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे समाज का गांव में रह रहा हर व्यक्ति सोचता है हमारी राजनीति के अंदर नंबर एक सीट होनी चाहिए और वो नंबर वन सीट कौन सी होनी चाहिए यह भी हम चाहते है. वो नंबर वन सीट मुख्यमंत्री की होनी चाहिए. यह हमारी मांग है. कल के मंच पर कई दिग्गज जाट नेता थे लेकिन किसी ने मुख्यमंत्री के लिए मांग नहीं की है.


 






समाज के लिए करना है काम
वहीं नागौर जिले के नवां से कांग्रेस विधायक महेंद्र चौधरी ने कहा कि मैंने मेहनत की और विश्वविद्यालय का अध्यक्ष बना. राजस्थान विश्वविद्यालय का पहला जाट अध्यक्ष बना. उन्होंने कहा कि हमें सरकार में जाट के नाम पर प्रतिनिधित्व मिलता है. हमें भी आगे बढ़ना है. हमें बच्चियों को आगे बढ़ाना है. उन्हें पढ़ाना है. हमें अपने समाज के लिए काम करना है. हमारी बच्चियों को अधिकार मिलना चाहिए.


सरकार और संगठन में जाट नेता
बता दें कि राजस्थान में इस समय कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों के अध्यक्ष जाट हैं. केंद्र में जाट के तौर पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी हैं. वहीं राजस्थान की सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर लाल चंद कटारिया, हेमाराम चौधरी, बृजेन्द्र सिंह ओला, विश्वेंद्र सिंह और रामलाल जाट हैं. महेंद्र चौधरी भी राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त हैं. राजस्थान में 22 से अधिक विधायक जाट है. वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया जाट हैं. ऐसे में देखा जाए तो राजस्थान में संगठन और सरकार में जाट की भूमिका और जिम्मेदारी मजबूत है.


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