Bundi News: राजस्थान के चौथे टाइगर रिजर्व बने रामगढ़ अभयारण्य के नोटिफिकेशन के बाद प्रशासन ने डेवलपमेंट की तैयारियों को शुरू कर दिया है. वन विभाग द्वारा जंगलों में सुरक्षा की दृष्टि से वन पाल नाके, चौकियां खोलने के प्रस्ताव मिलने के बाद यहां सर्वे शुरू कर दिया गया है. जिसके बाद एक कार्य योजना बनाई गई है. फिर बजट मिलने के साथ ही इसका कार्य शुरू कर दिया जाएगा.


गौरतलब है कि रामगढ़ विषधारी का हाल ही में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है. पूर्व में अभयारण्य के अनुरूप प्रशासनिक डेवलमेंट था. केवल सुरक्षा की दृष्टि से वन नाके और चौकियां बनी हुई थी. इनमें से कुछ क्षतिग्रस्त भी हो गईं. अब टाइगर रिजर्व होने के बाद इनकी संख्या में बढ़ोतरी की जानी है. नए क्षेत्र में भी नाके, चौकियां बनाकर सुरक्षा को मजबूत किया जाना है. 


जंगल में नए 6 वनपाल नाके और बनेंगे
रामगढ़ अभयारण्य के रेंजर धर्मराज चौधरी ने बताया कि रिजर्व में डाबी और भीलवाड़ा के क्षेत्र को जोड़ कर सर्वे करवाया जा रहा है. सर्वें के अनुसार इन जगहों पर 6 वनपाल नाके स्थापित किए जाने हैं. जिसमे उमर पगारां, रामपुरा, बाकां (भीलवाड़ा), गुढ़ा, गवार में नए वनपाल नाके बनाए जाएंगे. इसके साथ ही दलेलपुरा में बना नाका क्षतिग्रस्त होने से यहां भी नया भवन बनाया जाएगा. अभी अभयारण्य में आठ वनपाल नाके चल रहे हैं. नाके स्थापित होने के साथ ही अभयारण्य के चारों ओर सुरक्षा मजबूत होगी शिकार की घटनाएं कम होगी. 


302 वर्ग किलोमीटर है क्षेत्रफल
रामगढ़ विषधारी अभयारण्य का क्षेत्रफल पूर्व में 302 वर्ग किलोमीटर था. जिसमें वन विभाग ने यहां 8 नाके, 8 चौकियां बनाई थी. जहां जंगल व वन्यजीवों की सुरक्षा में वन विभाग के सुरक्षाकर्मी तैनात थे. लेकिन टाइगर रिजर्व होने के बाद इसका क्षेत्रफल कई गुना बढकऱ 1501 वर्ग किलोमीटर हो गया है. जिले के डाबी, भीलवाड़ा जिले का कई बड़ा हिस्सा बूंदी के टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया है. ऐसे में यहां वन पाल, चौकियों की संख्या बढ़ाई जा रही है. हालांकि इसके साथ ही वर्तमान में यहां दो वाचटावर भी हैं.


अब 23 चौकियों का होगा निर्माण
वर्तमान में रामगढ़ अभयारण्य में 8 चौकियां स्थापित थी. जिनको बढ़ाकर 23 किया जा रहा है. इसमें जलिन्द्री, बाकां, फूलसागर, कांटी अस्तोली, नीम का खेड़ा गुढ़ा, भीमलत, जाखमुण्ड, रामपुरिया, खड़ीपुर, अम्बारानी, धनेश्वर, गुढ़ा राजपुरा, डाबी पलका, धोरेला गरड़दा, गोलपुर, मराड़ी गवार, जैतसागर, केशोपुरा, गुलखेड़ी, जावरा, खटियाड़ी रजवास, विषधारी, बांसखोल को भी जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा सहायक वन संरक्षक कार्यालय, रेंज कार्यालय मय आवास भी स्थापित करने हैं. इन चौकियों के स्थापित होने के बाद रामगढ़ अभ्यारण की सुरक्षा और भी मजबूत हो जाएगी. 


जंगल मे घूम रहा है टी-115
रणथंभौर से टी 62 व टी 91 बाघों के यहां आने के बाद अभयारण्य का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. टी 91 को मुकंदरा शिफ्ट किया गया था और टी 62 वापस लौट गया था. वर्तमान में रणथंभौर से निकला टी-115 यहां बूंदी सेंचूरी में घूम रहा है, जिसे आए हुए डेढ़ साल से अधिक हो चुके हैं. बूंदी में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल की दृष्टि से मुकंदरा नेशनल पार्क से बड़ा होगा. प्रस्तावित सम्पूर्ण इलाका आरक्षित वनों की श्रेणी में आता है तथा अधिकांश क्षेत्र आबादी विहीन सघन वनों से आच्छादित है.


4 टाइगर रिजर्व बना है बूंदी का रामगढ़ अभयारण्य
डीएफओ अलोक गुप्ता ने बताया की टाइगर रिजर्व का गजट नोटिफिकेशन मंजूरी के बाद रिजर्व का बफर और काेर एरिया घाेषित हो गया है. यहां राज्य सरकार की और से अलग-अलग कार्य के लिए बजट मिलेगा. यहां एनक्लोजर के अलावा सुरक्षा दीवार और फेंसिंग भी होगी ,प्रे-बेस ट्रांसलाेकेट की प्रोसेस हाेगी. घना से 150 चीतल लाए जाएंगे. यहां स्टाफ की भर्ती भी हाेगी. साथ ही बॉर्डर होम गार्ड सुरक्षा के लिए लगेंगे. रिजर्व के कर्मचारियों काे टाइगर अलाउंस और मैश भत्ता भी मिल सकेगा. यहां टूरिस्ट के लिए अलग-अलग जाेन से एंट्री हाेगी. बूंदी के पर्यटन के लिए यह बड़ी सौगात है. आर्थिक दष्टिकोण से जिलेवासियों को बड़ा फायदा होगा. 


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