Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर निकम्मा शब्द की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही है. इस शब्द ने इन दिनों फिर से प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है. जहां सीएम गहलोत पर सचिन पायलट को निकम्मा कहने े आरोप लगे, उसके सीएम गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को निकम्मा बता दिया. वहीं अब राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने सोमवार को निकम्मा शब्द की परिभाषा बताई हैं.


मंत्री रामलाल जाट ने कहा, "काम नहीं करने वाले को निकम्मा कहते हैं. जैसे घर मे बच्चा काम नहीं करता तो उसे निकम्मा कहते हैं, कोई किसी को कुछ मानता है और वह उसका काम नहीं कर पाता तो उसे भी निकम्मा कहते हैं. कोई ओछी बात करता है उसे निकम्मा कहते हैं."


'सोच समझकर बोलते हैं सीएम'
रामलाल जाट ने कहा, "कई लोग जानबूझकर किसी को परेशान करते हैं तो उसको भी निकम्मा कहते हैं. राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि मुख्यमंत्री को अच्छी तरह मालूम है कि किस बात की क्या परिभाषा है और वह जो बोलते हैं मैं उसका समर्थन करता हूं. क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर बात सोच-समझकर बोलते हैं." उदयपुर की घटना पर बोलते हुए जाट ने कहा कि नूपुर शर्मा अगर बयान नहीं देती तो मौलाना नहीं आता और मौलाना नहीं आता तो कन्हैया लाल जिंदा होता.


सचिन पायलट के लिए किया था इस्तेमाल
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने इससे पर पहले सचिन पायलट के लिए निकम्मा शब्द को इस्तेमाल किया था. साल 2020 में पायलट कैंप की बगावत के समय सीएम गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा कहा था. हालांकि, सचिन पायलट ने पलटवार नहीं किया. लेकिन हाल ही में मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि सीएम गहलोत की बातों का वह बुरा नहीं मानते हैं. गहलोत बुजुर्ग नेता है. उनका सम्मान करते हैं. 


सरकार के मंत्रियों में ही असहमति
वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा था कि निकम्मा शब्द गहलोत को मुबाकर हो. कांग्रेस की जनसुनवाई कार्यक्रम में मौजूद पायलट कैंप के विधायक वेद सोलंकी ने मंत्री रामलाल जाट के बयान पर असहमति जताई. सोलंकी ने कहा कि राजनीति में शब्दों का सही ढंग से चयन करना चाहिए. मैं मंत्री रामलाल जाट से सहमत नहीं हूं. सोलंकी ने साफ तौर पर मुख्यमंत्री के निकम्मा शब्द इस्तेमाल करने को गलत बताया है. विधायक सोलंकी पायलट कैंप के माने जाते हैं. गहलोत के खिलाफ बगावत के समय सोलंकी सचिन पायलट के साथ थे. 


'भड़काने का काम कर रही बीजेपी'
जाट ने सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये लोगों को काटने-पीटने की बात करते हैं. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि आज धर्म के नाम पर जाति को लड़ाया जा रहा है. देश के विघटन की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बीजेपी सामाजिक समरसता को तोड़ने का काम कर रही है. हम भी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं लेकिन बीजेपी मन के धर्म को भड़काने का काम कर रही है. बीजेपी को भड़काने की बजाय शांति की अपील करनी चाहिए. उदयपुर मामले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समय रहते सही तरीके से संभाल लिया.


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