Rajasthan News: राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड (Rajasthan State Vipra Kalyan Board) की बैठक में अध्यक्ष महेश शर्मा (Mahesh Sharma) ने बताया बोर्ड पायलट प्रोजेक्ट के तहत वास्तु ,कर्मकांड ,ज्योतिष ,पूजा-पाठ ,आध्यात्मिक चिंतन जैसे विषयों पर शार्ट टर्म प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही विप्र समाज के उत्थान के लिए राज्य स्तर पर लग-अलग सामाजिक कार्यक्रमों का संचालन भी किया जाएगा. बैठक में विप्र भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन की स्थापना के प्रस्ताव लेने का भी निर्णय पारित किया गया.
इसके साथ ही प्रदेश में विप्र उत्थान के लिए काम कर रहे गैर सरकारी धार्मिक और सामाजिक संगठनों का मंदिरों का जिम्मा संभाल रहे पुजारियों का डाटा बैंक तैयार करने का भी निर्णय किया गया. बैठक में बोर्ड को परामर्श देने और सहयोग करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन करने का भी फैसला लिया गया. साथ ही ब्राह्मण महापुरुषों के इतिहास के शोध के लिए परशुराम पीठ की स्थापना किए जाने के लिए भी चर्चा हुई.
मंदिरों को आर्थिक मजबूती देने के लिए की गई थी सिफारिश
राजस्थान में अब मंदिरों और विप्र संगठनों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. विप्र बोर्ड की सिफारिश पर राजस्थान सरकार इस पर फैसला लेने जा रही है. दरअसल विप्र कल्याण बोर्ड ने मंदिरों के पुजारियों और मंदिरों को आर्थिक मजबूती देने के लिए विप्र बोर्ड ने सरकार को सिफारिश की थी. विप्र बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय की कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई बैठक में यह जानकारी प्रदान की गई. बैठक में उपाध्यक्ष मंजू शर्मा ,सदस्य राजकुमार, पंडित सुरेश चन्द, डॉ. भास्कर शर्मा, पवन शर्मा, राजेश रामदेव आदि मौजूद रहे.
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