Rajsamand News: जिस तरह से चिकित्सा क्षेत्र में लगातार क्रांति आ रही है. बेहतर सुविधा और उपचार मिल रहा हैं, वैसी ही बीमारियों भी अपना अलग-अलग रूप लेकर सामने आती जा रही है. पहले कोरोना, फिर मंकीपॉक्स का कहर हुआ, जो कुछ जगह अब भी है. अब प्रदेश एक और संक्रमण ने दस्तक दे दी है. यह है टोमैटो फ्लू. यह फ्लू बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. राजस्थान के राजसमंद जिले में तो एक माह में 250 बच्चों में यह संक्रमण आ गया है. डॉक्टर भी इसके उपचार में लगातार जुटे हुए हैं. 


9 साल तक के बच्चों भब ज्यादा
जिले के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ललित पुरोहित का कहना है कि इस बीमारी से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को हैं. राजसमंद जिले के आरके अस्पताल में एक माह में करीब 250 बच्चों का इलाज किया जा चुका है. आरके अस्पताल में रोजाना इस बीमारी के 10-15 मरीज पहुंच रहे हैं. इस बीमारी का शिकार 9 साल तक के बच्चे हो रहे हैं. जिनके शरीर और मुंह में फफोले हो रहे हैं. टोमैटो फ्लू का सबसे पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में देखा गया था. कमजोर इम्यूनिटी वाले और 9 साल से कम उम्र वाले बच्चो को यह वायरल हो रहा है. राजसमन्द के सरकारी आरके हॉस्पिटल में एक माह में करीब 250 बच्चों का उपचार किया जा चुका हैं.


यह होता है टोमैटो फ्लू
मेडिकल टर्मनोलॉजी में टोमैटो फ्लू या टोमैटो फीवर एक तरह की हैंड, फुट एंड माउथ बीमारी है. फ्लू में त्वचा पर लाल निशान के साथ बड़े-बड़े दाने हो जाते हैं. लाल फफोले पड़ने से बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू रखा हैं. यह बेहद संक्रामक है. टोमैटो फ्लू के लक्षण मंकी पॉक्स और चिकन पॉक्स की तरह ही होते हैं. इसमें बच्चों के शरीर पर दाने बन जाते हैं जो धीरे-धीरे बड़ा होकर टमाटर के आकार का हो जाता हैं. इस बीमारी में थकान, उल्टी, दस्त, बुखार, पानी की कमी, जोड़ों की सूजन, शरीर में दर्द और सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं. डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी अभी तक जानलेवा साबित नहीं हुई है. यह वायरल बीमारी है, जिससे डरने की जरूरत नहीं, इसका इलाज संभव है.


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