कोटा: रोबोट को हमने कई जगह काम करते हुए देखा होगा. आधुनिक युग में जो काम इंसान के बस में नहीं है वह रोबोट कर रहे हैं.कोटा में अब सीवरेज की सफाई के लिए रोबोट का सहारा लिया जाएगा.सीवरेज लाइन के अंदर जहां सफाई कर्मचारी नहीं पहुंच सकता,वहां अब रोबोट को सफाई के लिए उतारा जाएगा. इसकी तैयारी कर ली गई है.खास बात ये है कि ये रोबोट पूरी तरह से भारत में निर्मित हैं.इसे आंध्र प्रदेश के ताडीपत्ती गांव के चार युवा इंजीनियरों ने स्टार्टअप के तहत बनाया है.


जहरीली गैसों से हो जाती थी कर्मचारियों की मौत
केरल समेत कई बड़े शहरों में सीवरेज के मैनहोल की सफाई करते समय हर साल कई सफाईकर्मियों की मौत हो जाती है.गटर में उतर कर सफाई करने से उसमें से निकलने वाली जहरीली गैसों से चर्म रोग व फेफड़े खराब होने की समस्या भी बनी रहती है.इस समस्या के समाधान के रूप में गटर सफाई रोबोट का निर्माण किया गया. करीब 50 किलो वजनी यह रोबोट पूरी तरह से मशीन के रूप में काम करता है.सीवरेज के मैनहोल को खोलने से लेकर गटर की गहराई व चौड़ाई के हिसाब से पाइप को सेट करता है.


कितना समय लेता है सफाई में
जहां कई सफाई कर्मचारियों को एक गटर को साफ करने में घंटों लगते हैं.वहीं यह रोबोट मात्र 20 मिनट में  सफाई कर देता है.जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब इस रोबोट को देखा तो उन्होंने इसे गटर सफाई के लिए मुख्यमंत्री बेहतर माना.देश कई प्रदेशों में इस रोबोट का उपयोग हो रहा है.अब राजस्थान में भी इस रोबोट से गटर की सफाई करवाने की योजना है. 


कोटा नगर निगम में मशीनों की इतनी अधिक भरगार हो गई है कि उन्हें रखने की जगह तक नहीं है.गैराज छोटा पड़ रहा है.दोनों निगमों में 32 सीवरेज सफाई मशीनें होने के बाद रोजाना 10 से 20 फीसदी यानि 5 से 6 मशीनें ही काम में आ रही हैं.अधिकतर मशीनें खड़ी धूल खा रही हैं. छोटी मशीन को प्राइवेट काम के लिए मंगवाने पर नगर निगम द्वारा प्रति चक्कर 750 रुपए और बड़ी मशीन का किराया एक हजार रुपए प्रति चक्कर लिया जाता है.अब सफाई कर्मचारियों को भी संविदा पर लिया जा रहा है.
 
कितनी है सफाई करने वाले एक रोबोट की कीमत
रोबोट खरीदने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन इसके लिए संबंधित नगर निगम से सहमति पत्र लिया जाना है. आरयूआईडीपी द्वारा स्वायत शासन विभाग के इस परिपत्र को दोनों नगर निगम में भेजा गया है.जहां उनके अधिकारी व्यक्तिगत रूप से महापौर व निगम आयुक्त से संपर्क किया उनसे रोबोट खरीदने के लिए सहमति पत्र ले रहे हैं. दोनों नगर निगम में 2 रोबोट मशीनें खरीदी जाएंगी.राज्य की जिन भी नगर निगम में सीवरेज का काम चल रहा है, वहां 22 रोबोट मशीनें खरीदी जानी हैं. जबकि नगर परिषदों और छोटे शहरों में एक-एक रोबोट खरीदा जाएगा.नगर निगम कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण के लिए दो-दो रोबोट खरीदने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किए हैं.एक रोबोट की कीमत करीब 35 लाख रुपए है.


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