Kota News: बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनियां गुरुवार को कोटा सर्किट हाउस पहुंचे. यहां उन्होंने अपने संबोधन गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. डॉ सतीश पूनिया ने राजस्थान सरकार को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, ब्लात्कार, अपराध, बेरोजगारी से आत्महत्याएं और किसानों की कर्ज से कुर्क होती जमीन, पेपर लीक, लाल डायरी सहित कई मुद्दे पर घेरा. उन्होंने दावा किया कि ये मैं नहीं सरकारी आंकड़े कह रहे हैं. पूनिया ने कहा कि इससे बड़ा जादू नहीं हो सकता कि अशोक गहलोत के कार्यालय के पीछे सोने के बिस्किट निकल रहे हैं और उन्हें पता नहीं है.
राजस्थान कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार की पिछले पौने पांच साल की मुख्य उपलब्धि यही है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और आमजन भयभीत है. उन्होंने गहलोत सरकार को राजस्थान की सबसे भ्रष्टतम और नाकाम सरकार होने का आरोप लगाया है. पूनिया ने कहा कि आमजन में विश्वास और अपराधियों के स्लोगन को इस सरकार ने उल्टा कर दिया.
भीलवाड़ा घटना सरकारी अक्षमता की खोलती है पोल- सतीश पूनियां
कुछ दिनों पहले भीलवाड़ा शाहपुरा के नरसिंह पुर गांव की 14 वर्षीय लड़की के साथ रेप करने के बाद आग की भट्टी में झोंक कर हत्या कर दी गई थी. सतीश पूनिया ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि एक तरफ गहलोत सरकार अपनी पीठ थपथपानें के लिए जनसम्मान वीडियो जारी कर रही है. वहीं मानवता को शर्मशार करने वाली 14 वर्षीय बालिका के साथ गैंगरेप के बाद कोयले की भट्टी में झोंक कर उसकी हत्या कर दी जाती है. परिवारजनों ने ही तत्पपरता से उसे खोज निकाला, वर्ना मानवता को शर्मशार कर देने वाली ये घटना वहीं दफन हो जाती. ये घटना सरकार की अक्षमता की पोल खोलती है और कानून व्यवस्था की सबसे बुरी स्थिति का सबूत है.
राजस्थान में प्रतिदिन 17 बालात्कार और हो रही 7 हत्याएं- सतीश पूनियां
सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान में 10 लाख 92 हजार अपराध की घटनाएं होती हैं यानि प्रतिदिन 17 बलात्कार और 7 हत्याएं होती हैं. जो ये साबित करती हैं कि गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. राजस्थान में अराजकता और बदहाली है, जिसे राजस्थान की जनता आगामी चुनावों में बदल कर ही दम लेंगे. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन विभिन्न प्रकार की भ्रष्टता और रिश्वतखोरी की जांच करने वाली संस्थाओं के आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में सरकारी कामकाज में 78 फीसदी लोगों को किसी न किसी रूप में रिश्वत देनी पड़ती है.
राजस्थान बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि रिश्वत, अपराध और भ्रष्टाचार के लिए होटलों के मेनू कार्ड जैसे रेट फिक्स हैं. राजस्थान में खान माफिया, भू माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया, पेपर लीक माफिया जैसे माफियाओं के माध्यम से व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिन्हें स्वयं कांग्रेस के ही जनप्रतिनिधि समय-समय पर उजागर करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक भरत सिंह के पत्र, कांग्रेस के विधायक रामनारायण मीणा का सदन में संबोधन, दिव्या मदेरणा के समय-समय पर उठाए गए विषय सब इस बात का सबूत हैं कि राजस्थान में गहलोत सरकार अभी तक की सबसे भ्रष्टतम सरकार है.
गहलोत सरकार में 2100 किसानों ने की आत्महत्या- सतीश पूनियां
राजस्थान में किसान के हालातों पर आमेर विधायक सतीश पूनिया ने कहा कि 19 हजार 422 किसानों की जमीन कर्ज के कारण नीलाम को हो गई. गहलोत सरकार में 2100 युवाओं ने आत्महत्या कर ली है, राजस्थान में बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा 28 फीसदी है जो सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि सवा करोड़ युवा जब पेपर लीक से निराश होता है तो उस पर और उनके परिजनों पर क्या बीतती है? राजस्थान सरकार के पास बेरोजगारी और युवाओं को लेकर कोई प्लान नहीं है.
कोटा विकास प्राधिकरण पर नहीं की गई फेयर चर्चा- सतीश पूनियां
डॉ पूनियां ने कहा कि कोटा विकास प्राधिकरण को लेकर के व्यापक चर्चा सदन और स्थानीयस्तर पर होनी चाहिए थी. शहरी और ग्रामीण आवश्यकतायें अलग अलग होती हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों नें ही इस विकास प्राधिकरण पर प्रश्न खड़े किए हैं. इससे स्पष्ट है कि ये मनमाना है, जिसे सदन में बिना फेयर चर्चा के आनन-फानन में ही पास करा लिया गया है. सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि जयपुर प्राधिकरण में छोटी-छोटी बातों के लिए भी बहुत अड़चने आती हैं, प्राधिकरण के कई कई चक्कर लगाने पड़ते हैं और इससे काम में विलंब और परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि हम संगठन की कार्य क्षमता के आधार पर इलेक्शन मोड में है, चुनाव को लेकर सभी तरह की चुनौतियों और तैयारियों के स्तर पर हम पूरी तरह से चाक-चौबंद हैं.
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