Kota News: 65 देशों के प्लास्टिक के नोट देखकर रह जाएंगे हैरान, यहां करें दुनियाभर के सिक्कों और नोटों का दीदार
Kota Mudra Mahotsav: राजस्थान के कोटा में कोटा मुद्रा उत्सव 2022 चल रहा है. इसमें लोगों को देश की विभिन्न रियासतों और भारत के विभिन्न कालखंड में प्रचलित मुद्राओं को देखने का अवसर मिल रहा है.
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Rajasthan News: राजा-महाराजाओं के समय में सिक्कों का प्रचलन था, महाराजाओं की तस्वीर सिक्के पर होते थी जो वहां की रियासत को इंगित करती थी. उसके बाद नोट का प्रचलन विभिन्न देशों ने शुरू किया, किसी ने गत्ते के नोट बनाए तो किसी ने कागज के नोटों को अपनी रियासत में शामिल किया. समय बदलता गया मांग के अनुरूप नोटों के आकार, प्रकार और नोटों के बनाने में इस्तेमाल होने वाली धातु भी बदलती गई. दुनियाभर में सबसे ज्यादा कागज के नोट प्रचलित हुए लेकिन अब वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कागज के नोट के साथ प्लास्टिक के नोट भी प्रचलन में आ रहे हैं. कोटा फ्लेटली एण्ड न्यूम्समेटिक सोसायटी की ओर से एग्जीबिशन ट्रेड फेयर ऑफ कॉइंस, करंसी एण्ड कलेक्टेबल्स के तहत देश की विभिन्न रियासतों और भारत के विभिन्न कालखंड में प्रचलित मुद्राओं को यहां देखने का अवसर मिल रहा है.
जाली नहीं बन सकते प्लास्टिक के नोट, सिक्योरिटी फीचर्स भी
कोटा के प्लास्टिक नोट संग्रहकर्ता पवन हटिला ने बताया कि वह सालों से इन नोटों को संग्रहित कर रहे हैं. वह बताते हैं कि दुनिया के 67 देशों में इस वक्त प्लास्टिक के नोट प्रचलन में है. ऐसे में उनके पास 65 देशों के प्लास्टिक के नोट हैं. उन्होंने कहा कि इन प्लास्टिक नोटों की खासियत होती है कि ये ना तो खराब होते हैं, ना ही ये मोडे जा सकते हैं, यह डस्ट फ्री और वाटर प्रूफ भी होते हैं. सबसे खास बात ये की इन नोटों का जाली नोट भी नहीं बनाया जा सकता है. सभी नोटों में सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं. प्लास्टिक के नोट को रियाइकिल भी किया जा सकता है.
भारत में भी छिड़ी थी चर्चा, लेकिन शुरू नहीं हो सके
भारत सरकार भी प्लास्टिक के नोट शुरू करना चाह रही थी, इसकी चर्चा भी शुरू हुई थी, लेकिन क्यों नहीं हो सके यह कहना मुश्किल होगा. पवन हटिला बताते हैं कि यदि भारत में ये नोट चलते हैं तो सभी को लाभ होगा लेकिन भारत में अब डिजिटल करंसी आ रही है उसमें भी कई ऐसी व्यवस्था की गई है कि लोगों के एकाउंट से पैसे गायब नहीं होंगे यानी ऑन लाइन ठगी नहीं होगी.
सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुए प्लास्टिक के नोट, अब इन देशों में भी चल रहे
पवन हटिला ने बताया कि विश्व के 67 देशों में प्लास्टिक के नोट चलते हैं, इनमें सिंगापुर, वियनाम, श्रीलंका, यूएई, जाम्बीया, थाईलैंड, नेपाल, स्कॉटलैंड, सउदी अरब, मोरक्को, न्यूजीलैंड, मेक्सीको, मलेशिया, आयरलैंड, कुवेत, बांग्लादेश, ब्राजिल, चाइना, कनाडा, इजराइल सहित कई देशों में प्लास्टिक के नोट का चलन है, सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 1988 में इसका चलन शुरू किया था. उसके बाद सफलता मिली तो दूसरे देशों ने भी शुरू कर दिया. इसके अलावा कई रियासतों ने गत्ते के नोटों को भी चलाया था.
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