Rajasthan News: फिल्म 'दृश्यम' के हिट होने के बाद 'दृश्यम-2' आई. दोनों में हत्या के बाद अभिनेता ने अपने परिवार को कैसे बचाया यह कहानी बताई गई है. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भी कुछ इसी तरह से एक हत्या की साजिश रची गई है. इसमें एक बहन ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर शादी में अड़चन डालने वाले भाई की ही हत्या कर दी. इस हत्या की साजिश भी 'दृश्यम' फिल्म जैसी ही रची गई, लेकिन कहते हैं ना फिल्म और असल दुनिया में फर्क है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मृतक की बहन समेत तीन आरोपियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कल लिया है. जानिए आरोपियों ने कैसे प्लानिंग की और क्यों की और कैस पुलिस के हाथ आए. 


एक गहरे कुएं में मिली थी सिर कटी लाश
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि गंगरार कस्बे में 5 दिसंबर को हनुमान मन्दिर के पीछे की तरफ किले के नीचे पहाड़ी के ढलान के पास एक कुंए से एक अज्ञात शव मिला था. इसका सिर नहीं था. इसके अगले ही दिन सिर भी मिल गया. मृतक के हाथ पर रायका लिखा था. सोशल मीडिया पर प्रसारित करवाया तो शव की पहचान 23 साल के महेंद्र रायका पुत्र गोविंद रायका के रूप में हुई. इस पर महेन्द्र रायका के मामा शान्तिलाल रायका ने गंगरार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को देखते हुए टीम गठित कर जांच शुरू की गई. 


मृतक की बहन का अवैध संबंध की बात सामने आई
पुलिस ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के अनुसार महेन्द्र की आजोदिया बाई और अपनी बेटी तनू उर्फ तनिष्का के साथ अपने मायके गांव भाटखेडा में रह रही थीं. यहां महावीर धोबी का उनके घर पर आना जाना था. तनू और महावीर के बीच संबंध बन गए थे. इस सूचना पर महावीरको शुक्रवार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. इसमें उसने तनु और अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर महेंद्र रायका की हत्या की बात कबूल कर ली. इस पर पुलिस ने तनु, महाबीर और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में एक नाबालिग भी हिरासत में लिया गया है. 


इसलिए की थी हत्या
पुलिस पूछताछ में महावीर धोबी ने बताया कि उसकी तनु से जान-पहचान करीब तीन साल पहले हुई थी. वह अपनी मां, छोटी बहन और भाई के साथ भाटखेडा में रहती थी. जान-पहचान के बाद महाबीर तनु से मोबाइल फोन पर बात करने लगा. उसने बताया कि करीब दो साल पहले उसने तनु की छोटी बहन से राखी बंधवा कर कर उसे धर्म बहन बनाया. इसके बाद उसका तनु के घर आना-जाना होने लगा. इसकी जानकारी जब महेंद्र को हुई तो उसने महाबीर को तनु से दूर रहने को कहा. महेंद्र ने महाबीर से वो 40 हजार रुपये भी वापस मांगे जिसे उसने तनु से उधार लिया था. इसके बाद तनु की उज्जैन में सगाई करवा दी गई. उसकी फरवरी में शादी होने वाली थी. लेकिन तनु शादी नहीं करना चाहती थी. इसलिए उसने अपने भाई महेंद्र को रास्ते से हटाने के लिए महाबीर से कहा. इन लोगों ने मिलकर महेंद्र की हत्या की साजिश रची और उसकी हत्या कर दी. 


गला घोंट कर हत्या की
महबीर धोबी ने अपने दोस्त महेंद्र धोबी और एक अन्य के साथ मिलकर महेन्द्र रायका की तौलिया से गला घोटकर हत्या कर दी. उन्होंने लाश ठिकाने लगाने के लिए बिजली के वायर से हाथ व पैर बांध दिए थे. वो रात में शव को किले पर ले जाकर पीछे कुए में डाल दिया और अपने-अपने घर चले गए. पुलिस की पकड़ से बचने और गुमराह करने के लिए मृतक महेंद्र रायका के मोबाइल फोन को बन्द कर दिया था. इसके बाद 5 दिन बाद महावीर धोबी ने अपना मोबाइल गंगरार में ही छोड़कर महेन्द्र रायका का मोबाइल को लेकर चितौड़गढ़ से ट्रेन से मध्य प्रदेश के मन्दसौर पहुंचा. वहां उसने महाराणा प्रताप सर्किल के पास महेंद्र रायका का मोबाइल चालू किया. उस पर तनु का फोन आया. महावीर धोबी ने कॉल उठाई. फोन को मंदसौर में रोड किनारे पर फेंककर महावीर धोबी फिर से ट्रेन से गंगरार आ गया. तनु ने अपनी मां और छोटी बहन को गुमराह करने के लिए बताया कि उसकी भाई महेन्द्र से बात हुई है,वह मन्दसौर की तरफ गाड़ी पर था.



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