Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले खालिस्तान की एंट्री हो चुकी है. खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा और पंजाब के बाद अब राजस्थान को भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है. खालिस्तान समर्थकों ने पंजाब से सटे राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले को अपना पहला टारगेट बनाया है. खालिस्तानी समर्थकों ने हनुमानगढ़ जिले के हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिख दिए. इसकी सूचना मिलते ही सभी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई. रेलवे स्टेशन प्रबंधन ने तुरंत उन नारों को हटाया. इस घटना के बाद पूरे राजस्थान में अलर्ट जारी हो गया है. जोधपुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने अगस्त बढ़ा दी है.
हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन पर लिखे गए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे
जोधपुर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ व जीआरपी पुलिस की संयुक्त जवानों की टीमें लगातार अलर्ट मोड पर है. रेलवे स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी गश्त कर रही हैं. आरपीएफ के हेड कांस्टेबल ने बताया कि रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) और जीआरपी के सुरक्षा कर्मियों का संयुक्त औसत निरीक्षण कर रहे है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा के इंतजाम चाक चौबंद किए हुए हैं साथ ही हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर कुछ और सामाजिक तत्वों द्वारा खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे जाने के बाद रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं.
रेलवे स्टेशन पर सुरक्षाकर्मियों की गश्त
हनुमानगढ़ जंक्शन स्टेशन के कार्यवाहक स्टेशन मास्टर जगत नारायण चौधरी का कहना है कि कुछ असामाजिक लोग हनुमानगढ़ की शांति व्यवस्था को खराब करना चाहते हैं. उसी के तहत इस तरह की हरकत की गई है. जीआरपी पुलिस को परिवाद सौंपा गया है. स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे के आधार पर पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है. यह नारे किसने लिखे और कब लिखे थे. खालिस्तान जिंदाबाद का नारे लिखे गए. साथ ही एक वीडियो भी वायरल हुआ था. सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि वायरल वीडियो में कई तरह की आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया गया है.
बता दें कि विधानसभा चुनाव को लेकर सरदारपुरा से प्रत्याशी सीएम अशोक गहलोत 2 दिन के जोधपुर दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते समय सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि मुझे पंजाब के कुछ लोग मिले थे. वो कह रहे थे कि यह हिंदू है हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं. तो हमारे लोग खालिस्तान की बात क्यों ना करें. सीएम गहलोत के इस बयान के बाद विपक्ष के निशाने पर आ गए थे.