(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan News: एसपी ने संविदा पर काम करने वाले को दी 90 हजार रुपये की नौकरी, ऐसे खुला पूरा मामला
राजस्थान के नागौर जिले में पुलिस महकमें से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है. यहां जानिए पूरा मामला.
Jodhpur News: राजस्थान के नागौर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी चौक जाएंगे यह मामला पुलिस (Police) महकमे से जुड़ा हुआ है पुलिस महकमे में संविदा के नाम पर गैर सरकारी (Private) व्यक्ति को न सिर्फ भारी भरकम वेतन पर नियुक्ति दे दी गई बल्कि उसे पुलिस के गोपनीय कार्यों का जिम्मा तक सौंप दिया गया यह मामला नागौर जिले का है जहां पर तत्कालीन एसपी ने एक व्यक्ति को अपने स्तर पर ही नौकरी दे दी.
उसका वेतन तय किया ₹90000 मुख्यालय को इसकी जानकारी करीब 6 माह बाद जनवरी माह के अंत में पता चली जब एसपी ने अपने तबादले आदेश के बाद सुमित की स्वीकृति के लिए पत्र लिखा चौंकाने वाली बात यह है कि साइबर एक्सपर्ट के नाम पर दी गई नौकरी के बाद गैर सरकारी व्यक्ति को गोपनीय शाखा के कार्यों की जिम्मेदारी भी दी गई इसके लिए कार्यालय भी एसपी कार्यालय में खोला गया.
जून 2021 में की गई थी साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति
नागौर एसपी ने निजी संविदा कर्मी साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति के लिए यह माना गया कि नागौर के विस्तृत क्षेत्रफल और गंभीर साइबर अपराध की मॉनिटरिंग के लिए विशेषज्ञ की आवश्यकता है थी इसलिए लगाया गया. नागौर के तत्काल एसपी अभिजीत सिंह ने साइबर मामलों को सुलझाने के लिए शैलेंद्र प्रचार को नौकरी दी सिंह का नागौर में पदस्थापन 11 जून 2021 को हुआ और 1 जुलाई को ही संविदा पर साइबर एक्सपर्ट को यहां नियुक्ति दी गई.
बजट से हुआ पूरा खुलासा
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नागौर तत्कालीन एसपी अभिजीत सिंह का तबादला आदेश के 2 दिन बाद मांगा गया बजट राज्य सरकार ने एसपी अभिजीत सिंह का नागौर से 22 जनवरी 2022 को तबादला कर दिया इसके बाद उन्होंने संविदा पर रखे एक्सपर्ट के लिए पुलिस मुख्यालय से बजट मांगा यह पत्र 24 जनवरी को लिखा गया पत्र पुलिस मुख्यालय पहुंचा तो अधिकारी चकित रह गए इस मामले में बजट देने से साफ इनकार कर दिया गया इसके साथ ही ऐसी नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए
संविदाकर्मी साइबर एक्सपर्ट का कार्यालय एसपी अभिजीत सिंह के ऑफिस के कमरे के पास ही रखा गया थाना स्तर के अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति में साइबर एक्सपर्ट ने थानों की मीटिंग भी ली साथ ही गोपनीय शाखा के कई काम भी उसे दे दिए गए गौरतलब यह भी है कि नागौर जिला पुलिस के किसी भी स्तर पर इस काम को लेकर 6 माह तक किसी ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई.
यह भी पढ़ें: