Udaipur news: आजकल शिक्षा का स्कूल के बड़े-बड़े भवनों, सुख सुविधाओं से ही आंकलन किया जाता है. इसी कारण हर शहर में स्कूलों के बड़े-बड़े भवन खड़े हुए नजर आते हैं. लेकिन राजस्थान में बदलाव की इबारत लिखते हुए पहली बार वैदिक स्कूल खोला जा रहा है. इस स्कूल में प्राचीन और आधुनिकता का संगम एक साथ देखने को मिलेगा. यहां आधुनिक शिक्षा तो पढ़ाई जाएगी लेकिन उसका तरीका अलग होगा. इस स्कूल के संचालन की जिम्मेदारी उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा जिले में स्थित गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय को दी गई है.

 

कक्षा 6-12 के छात्रों को मिलेगी शिक्षा

वैदिक स्कूल में कक्षा 6 से 12वीं के स्टूडेंट्स प्राचीन व आधुनिक पद्धति का समंवित रूप से अध्ययन कर सकेंगे. आगामी शिक्षा सत्र (2022 2023) में प्रथम चरण के तहत 20 स्टूडेंट्स को निशुल्क प्रवेश मिलेगा. प्रदेश के अन्य जिलों से भी स्टूडेंट्स यहां आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से बज़ट जारी होने के बाद अब धरातल पर भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.

 

10 करोड़ की लागत से तैयार होगा स्कूल

इस प्रोजेक्ट पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें से 6.35 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है. विश्वविद्यालय परिसर वैदिक गुरुकुल के लिए भवन निर्मित किया जाएगा, जिस पर करीब 1.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसी प्रकार 200 स्टूडेंट्स के लिए 2 करोड़ रुपए की छात्रावास, आचार्य निवास, गुरुकुल परिसर विकास एवं फर्नीचर मद पर राशि खर्च की जाएगी. गुरुकुल प्रारंभ होने के साथ ही टीचिंग व नॉन टीचिंग पदों पर भी भर्ती होगी. इसमें 17 पद टीचिंग और 6 पद नॉन टीचिंग के तय किए हैं.

 

 गुरुकुल पद्धति पर होगी पढ़ाई

गुरुकुल पद्धति के अनुरूप ही वैदिक गुरुकुल में अध्ययन-अध्यापन की सुविधा उपलब्ध होगी. विद्यार्थी एवं आचार्य दोनों को गुरुकुल परिसर में ही रहना होगा. यहां सुबह उठने के बाद प्रार्थना, पूजा, व्यायाम, भोजन, खेलकूद, गीत-संगीत से लेकर रात को सोने का समय तक का पूरा टाइम टेबल तय किया जाएगा. स्टूडेंट को स्वावलंबन का गुण विकसित करने के लिए कई प्रकार की गतिविधियां भी करवाई जाएगी. इसके लिए स्टूडेंट को गुरुकुल में ही रहना अनिवार्य होगा. स्टूडेंट्स की अधिकता होने पर प्रवेश परीक्षा का भी प्रावधान रहेगा. गोविंद गुरु जनजातीय विद्यालय के कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी ने बताया कि वैदिक गुरुकुल में गुरुकुल पद्धति के अनुरूप में ही शिक्षा दी जाएगी. छात्रावास व अन्य भवन निर्माण के साथ ही सभी वर्ग को फायदा होगा.

 

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