Dholpur News: कुख्यात डकैत की खूबसूरत प्रेमिका जिसे देखने के लिए कोर्ट में भी जुटती थी लोगों की भीड़
Rajasthan News: कोमेश गुर्जर जब छोटी थी तो उसके पिता छीतरिया गुर्जर की हत्या कर दी गई. पिता की हत्या का बदला लेने के लिए कोमेश ने छोटी सी उम्र में ही बंदूक थाम ली और बीहड़ों में चली गई.
Dholpur News: राजस्थान का धौलपुर (Dholpur) जिला बीहड़ डकैतों (Dacoits) की शरणस्थली के रूप में जाना जाता है. लम्बे समय से धौलपुर के बीहड़ में नामी डकैतों का डेरा रहा है. डाकू माधौ सिंह, डाकू फूलन देवी, पान सिंह तोमर, निर्भय सिंह गुर्जर, मान सिंह जैसे नामी डकैत चम्बल के बीहड़ में रहते आए हैं. चम्बल के बीहड़ों की एक खूबसूरत डकैत कोमेश गुर्जर (Komesh Gurjar) इतनी सुन्दर थी कि जब उसकी कोर्ट में पेशी होती थी तो उसे देखने वालों की भीड़ लग जाती थी.
कोमेश गुर्जर का जन्म 1986 में धौलपुर जिले के नगर गांव में हुआ था, उसके पिता गांव के सरपंच थे. मजबूरीवश उसके पिता को अपनी बेटी को छोटी सी उम्र में ही हथियारा थमाना पड़ा. 14 वर्ष की उम्र में कोमेश बंदूक चलाना सीख चुकी थीं. धौलपुर के बीहड़ में ही कोमेश गुर्जर को कुख्यात डकैत जगन गुर्जर से प्यार हो गया और वह जगन के साथ रहने लगी.
क्यों बनी कोमेश गुर्जर डकैत
जानकारी के अनुसार कुख्यात डकैत कोमेश गुर्जर जब छोटी थी तो उसके पापा छीतरिया गुर्जर की हत्या कर दी गई. कोमेश अपने पापा की हत्या का बदला लेना चाहती थी. बदले की आग में जलती हुई कोमेश गुर्जर बीहड़ों में चली गई और वहां उसकी मुलाकात डकैत जगन गुर्जर से हो गई. डकैत जगन गुर्जर को कोमेश ने बचपन से देखा था. कोमेश का जगन के घर पर आना-जाना था. धौलपुर के बीहड़ में जगन से मुलाकात के बाद जगन ने ही कोमेश को उसके पापा की हत्या का बदला लेने में मदद की थी. कोमेश ने अपने पहले बच्चे हो हिंडौन के नर्सिंग होम में जन्म दिया था.
जब जान पर खेलकर अकेली डिलीवरी कराने पहुंची कोमेश
साल 2000 की बात है. डिलीवरी के दौरान कोमेश की तबीयत बिगड़ गई, उसके अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई थी, लेकिन गैंग के साथी और जगन अपनी जान खतरे में नहीं डाल सकते थे. ऐसे में अकेले ही कोमेश ऊंटों पर जंगल-जंगल होते हुए हिंडौन सिटी पहुंच गई. कोमेश को रास्ते में उसके रिश्तेदारों और जगन के लोगों से मदद मिली. हिंडौन के नर्सिंग होम में ही कोमेश ने पहले बच्चे को जन्म दिया. कोमेश गुर्जर थोड़े दिन नर्सिंग होम में बिताने के बाद जगन और उसकी गैंग के अन्य साथियों की मदद से ऊंटों पर बैठ बच्चे के साथ फिर बीहड़ों में पहुंच गई. फिर कोमेश गुर्जर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
जब पुलिस से हुआ कोमेश गुर्जर का सामना
डकैत कोमेश गुर्जर जब दोबारा प्रेग्नेंट हुई तो उस समय भी वह बीहड़ों में ही रहती थी. सूचना मिलने पर पुलिस ने चारों तरफ से डकैतों को घेर लिया और मुठभेड़ शुरू हो गई. पुलिस और डकैतों में कई घंटों तक मुठभेड़ चली. अंत में एक गोली डकैत कोमेश को लगी जिससे वह घायल हो गई. घायल हुई कोमेश को पुलिस ने पकड़ लिया. कोमेश पहली बार पुलिस के हाथ लगी थी उसी समय डकैत जगन गुर्जर ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था.
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