Rajasthan Folk Songs: जब भी लोक संगीत की बात आती है तो राजस्थान के लोक गीत का भी जिक्र जरूर आता है. राजस्थानी लोक संगीत पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय है और इसे खूब पसंद किया जाता है. संगीत वाद्ययंत्र और संगीत "घराना" इस लोक गीत को खास बनाता है. हम आपको राजस्थानी लोक संगीत के कुछ मूल बातों से रूबरू कराएंगे जिन्होंने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों पर कब्जा कर लिया है. आइए हम पहले आपको राजस्थानी लोक संगीत के कुछ वाद्ययंत्रों के बारे में बताते हैं जिसे गीत में अक्सर प्रयोग किया जाता है.
राजस्थानी लोक संगीत के कुछ वाद्ययंत्र
लोकप्रिय राजस्थानी लोक वाद्ययंत्र सारंगी, रावनहत्था, कामयाचा, मोरचांग और एकतारा हैं. इन सबकी अपनी लोकप्रियता है. यहां पर विशाल नागाड़ा और ढोल से लेकर छोटे डमरस तक, विभिन्न प्रकार और आकार के ताल वाद्य यंत्र मौजूद हैं. होली के त्योहार में द डेफ और चांग का प्रयोग होता है. राजस्थान शहनाई, पोंगी, अलगोजा, तारपी, बीन और बांकिया जैसे वाद्ययंत्र बांसुरी और बैगपाइप श्रेणी में आता है. ये सभी वाद्ययंत्र अपने आप में काफी आकर्षक हैं, लेकिन इसके साथ ही जब ये सब वाद्ययंत्र प्रतिभाशाली राजस्थानी लोक संगीतकारों के हाथों में होते हैं, तो वे सोने का कमाल करती हैं जिससे सुनकर संगीत प्रेमी मंत्रमुग्ध हो जाते है.
राज्य के विभिन्न हिस्सों के लोगों की संगीत की अपनी शैली है. उनमें से सबसे प्रसिद्ध शैली मेवात, मिरासिस, बंजारा, कंजर, ढोली, लंगा और मंगनियार के जोगी हैं. नौटंकी, रम्मत, तमाशा, माच, कुचामणि कयाल और रासलीला राज्य में विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन हैं. ये सारे प्रदर्शन दुनिया भर के पर्यटक के लिए आकर्षण के रूप में कार्य करते हैं. लंगासा और मंगनियार सबसे प्रसिध्द संगीत है जो राजस्थान की सुंदरता दर्शाता है. मंगनियार और लंगा के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि वे दिन में एक ही समय में केवल एक विशिष्ट राग गाते हैं. उनके पास शादी, जन्म आदि जैसे विभिन्न अवसरों के लिए विशेष गीत हैं.
सूफी संगीत में राजस्थानी लोक गायकों का योगदान
लोक गीतों के बोल पीढ़ियों से चले आ रहे हैं. सूफी संगीत में राजस्थानी लोक गायकों का योगदान शानदार है. लतीफ, अमीर खुसरो और बुल्ले शाह का नाम सूफी संगीत प्रेरणाओं में जाना जाता है. यहां पर सबसे अच्छी बाते यह है कि लगभग पाँच-छह वर्ष की उम्र के बच्चे राजस्थानी लोक संगीतकार हैं जिन्हें आप अक्सर समूह के साथ मंच पर प्रदर्शन करते देख सकते हैं. ये सभी छोटे संगीतकार भविष्य में पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाएंगे. ये सभी संगीतकार राज्य के पश्चिम थार रेगिस्तान के कुछ हिस्सों से आते हैं. राजस्थानी लोक संगीत का इतिहास इतना गहरा है कि एक लेख उसके साथ न्याय नहीं कर सकता. यह लोक गीत के धुन लोगों के दिल पर बरसो से राज कर रहीं है जिसे दुनिया भर के लोग इसकी प्रशंसा करते हैं.
यह भी पढे़ंः
Rajasthan Night Tourism: राजस्थान में पर्यटन विभाग की पहल, अब नाईट टूरिज्म को बढ़ावा देगी गहलोत सरकार