Holika Dahan in Rajasthan: होली वर्ष भर के सभी त्यौहारों में ऐसा त्यौहार है जिसमें रंगों के माध्यम से संस्कृति के रंग में रंगकर सारी भिन्नताएं मिट जाती हैं और सब बस एक रंग के हो जाते हैं. विभिन्न संस्कृति और धर्मों के लोगों को एक सूत्र में बांधकर राष्ट्रीय भावना को जागृत करने की दृष्टि से हमारे ऋषि, महर्षियों ने शताब्दियों पूर्व ही होलिकोत्सव पर्व का श्रीगणेश किया ताकि सभी धर्मों, वर्गों, समुदाय के लोग विविध रंगों और उत्साह में रंग जाएं.
होलिका में ये जरूर चढ़ाएं
फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को महिलाएं होली दहन के समय होली की पूजा करती हैं तथा विभिन्न पूजन सामग्री होली को अर्पित करती हैं, जैसे-उंबी, गोबर से बने बड़कुले, नारियल. परम्परागत रूप से होली पर चढ़ाई जाने वाली सामग्री के पीछे भी कुछ भाव छिपे हैं.
उंबीः- यह नए धान्य का प्रतीक है. इस समय गेहूं की फसल कटती है. ईश्वर को धन्यवाद देने के उद्देश्य से होली में उंबी समर्पित की जाती है. इसलिए अग्नि को भोग लगाते हैं और प्रसाद के रूप में अन्न उपयोग में लेते हैं.
गोबर के बड़कुले की मालाः-अग्नि और इंद्र बसंत की पूर्णिमा के देवता माने गए हैं. ये अग्नि को गहने पहनाने के प्रतीक रूप में चढ़ाए जाते हैं.
नारियलः- नारियल को धर्मग्रंथों में श्रीफल कहा गया है. फल के रूप में इसे अर्पण करते हैं और इसे होलिका दहन में चढ़ाकर वापस लाते हैं और परिवार के सभी सदस्य प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.
वास्तु दोष निवारण हेतु
ज्योतिषाचार्य सुरेश श्रीमाली बताते हैं कि लगभग असंभव जैसा है वास्तु दोष रहित मकान या फ्लैट में रहना. मैंने देखा है कि लोगों के घरों में पूजन स्थान, किचन, टॉयलेट या बैडरूम की दिशा ठीक नहीं होती है जिस कारण परिवार में तनाव, तरक्की में बाधा और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है. इसके लिए आप होली दहन के अगले दिन यानि खेलने वाली होली वाले दिन सबसे पहले अपने इष्टदेव व अपने गुरू का स्मरण करें.
उसके बाद अपने घर के नॉर्थ ईष्ट का कॉर्नर जिसे ईशान कोण कहते है उस स्थान पर पहले धो पौंछ कर गुलाल अर्पित करें और अपने मुख्य द्वार के दोनों तरफ कुंमकंुम से स्वास्तिक चिन्ह् बनाए.
साथ ही घर के बाहर रंगोली बनाकर उसके मध्य सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाकर उसमें काले तिल, दो काली मिर्ची, थोड़ी नागकेसर डाल दें तथा अगले दिन दीपक जब बुझ जाता है तब बाती, बचा हुआ तेल और दीपक सहित अपने घर के गार्डन या किसी गमले में दबा दें ऐसा करने से आप पर देव कृपा होने के साथ ही साथ आपके निवास में व्याप्त सभी नकारात्मक ऊर्जा का शमन होकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा, साथ ही वास्तु दोष भी सदैव के लिए दूर हो जाएगा.
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