Kota Crime News: शौक पूरा करने के लिए गैंग बनाकर करते थे चोरी, 4 महीने में 34 वारदातों को दिया अंजाम
चोरों ने पहले मेडिकल और किराने की दुकानों को निशाना बनाया था. डीएसपी नेत्रपाल सिंह ने बताया कि पिछले तीन माह से कोटा रेंज के बूंदी, झालावाड़, कोटा शहर में शटर तोड़कर नकबजनी की लगातार घटनाएं हो रहीं थी.

Kota Crime News: कोटा ग्रामीण क्षेत्र में हो रहीं लगातार चोरियों से परेशान पुलिस ने खास योजना बनाकर दो लोगों को गिरफ्तार किया है. चोरों ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपने शौक पूरे करने के लिए पहले गैंग बनाई और उसके बाद चोरियां करना शुरू की. इसके बाद एक के बाद एक चोरियां करते चले गए और 34 चोरियां कर डाली.
दरअसल, जिले की ग्रामीण पुलिस ने कोटा रेंज में गाड़ियां और किराने की दुकानों का शटर तोड़कर दुकानों से सामान और नकदी चोरी की वारदात का खुलासा करते हुए 2 चोरों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में इनसे कोटा रेंज की 34 वारदातों का खुलासा हुआ है. गिरफ्तार आरोपी रमेश (42) निवासी खानपुर जिला झालावाड़, हाल नयागांव थाना आरकेपुरम व दिनेश (28) बालाखेड़ा, अंता जिला बारां का निवासी है. गैंग के तीन सदस्य फरार हैं.
मेडिकल, किराने की दुकान को बनाते थे निशाना
चोरों ने पहले मेडिकल और किराने की दुकानों को निशाना बनाया था. डीएसपी नेत्रपाल सिंह ने बताया कि पिछले तीन माह से कोटा रेंज के बूंदी, झालावाड़, कोटा शहर में शटर तोड़कर नकबजनी की लगातार घटनाएं हो रहीं थी. घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज चेक किए तो जांच में सामने आया कि आरोपी मारुती ईको कार से वारदात को अंजाम देते थे. रात के समय ईको कार चुराते और उसी कार का इस्तेमाल कर आसपास के जिलों में दुकानों के शटर ऊंचा कर सामान भरकर ले जाते हैं. वारदात को अंजाम देने के बाद गैंग के सदस्य कार को नयागांव आवली-रोजड़ी के पास फोरलेन पुल के पास लावारिस हालत में छोड़ कर चले जाते.
फोरलेन के आसपास बस्तियों में सर्च ऑपरेशन चलाया
पुलिस की टीम ने फोरलेन के आसपास बस्तियों में सर्च ऑपरेशन चलाया. संदिग्ध के बारे में जानकारी ली. जिसमें रमेश बैरागी का हाथ होना पाया गया. जिसके बाद पुलिस टीम ने उस पर नजर रखी तो सामने आया कि सभी वारदात रमेश, उसके भाई प्रभु लाल, संजय व दिनेश के द्वारा एक गैंग बनाकर की जा रही है. टीम ने रमेश व दिनेश को सिमलिया थाना क्षेत्र के पोलाई कला के पास रुकवा कर पूछताछ की तो सारे मामले का खुलासा हुआ.
किराने की दुकान पर बेच देते थे सामान
सरगना रमेश व दिनेश ने बताया कि वे मजदूरी करते हैं. जिससे शौक अच्छे से पूरे नहीं हो पाते. ऐसे में उन्होंने मिलकर एक गैंग बनाई. रात के समय बाइक लेकर आसपास के जिलों में जाकर किराना, मेडिकल स्टोर का शटर ऊंचा कर नकदी उड़ाते थे. लेकिन दुकानों में रकम कम मिलने से उनका काम नहीं चला. इसके बाद इन्होंने फोर व्हीलर गाड़ियां चुराने की योजना बनाई. इसके लिए एक 'मास्टर-की' तैयार करवाई. ये खासतौर पर ईको गाड़ी को ही निशाना बनाते थे क्योंकि उसमें चोरी की ज्यादा सामान आ जाता था. वारदात के बाद गैंग के सदस्य चोरी का सामान आपस में बांट लेते थे. कभी आसपास की किराने की दुकानों पर बेच देते थे.
4 महीने में 34 वारदात
गैंग के सदस्यों ने चार महीने में 34 वारदातों को अंजाम दिया है. इनमें मई व जून के महीने में चोरी व नकबजनी की 25 वारदातें है. जबकि 10 जून से 10 अगस्त के बीच गैंग के सदस्यों ने 9 मारुती ईको चोरी की वारदात को अंजाम दिया. फिलहाल गैंग अन्य सदस्य संजय (32),प्रभु लाल (39), रामबाबू (39) फरार हैं.
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