Rajasthan News: राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में वन्य जीव प्रेमियों का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है. 400 किलोमीटर का सफर तय कर टाइगर शिवाजी मंगलवार को वन्यजीव एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क से जयपुर लाया गया है. वन विभाग के आला अधिकारियों की देखरेख में जयपुर लाए गए चार साल के शिवाजी को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 21 दिन यानि 3 सप्ताह तक क्वारैंटाइन रखा जाएगा. उसके बाद शिवाजी को पूर्व में ओडिशा से लाई गई टाइग्रेस रानी के साथ जोड़ा बनाकर रखने की तैयारी की जा रही है.


रास्ते में दिया गया ग्लूकोस
टाइगर शिवाजी की देखरेख डॉक्टर अरविंद माथुर कर रहे हैं. डॉक्टर माथुर ने बताया कि 400 किलोमीटर के सफर के दौरान गर्मी शिवाजी को काफी परेशान किया है. ऐसे में हर 50 किलोमीटर पर वन विभाग द्वारा गाड़ी को रोककर शिवाजी को सफर में आराम दिया गया. इसके साथ ही गर्मी से बचने के लिए लिक्विड के तौर पर शिवाजी को ग्लूकोस लगातार दिया गया, लिक्विड के बाद खाने में चिकन और मटन दिया गया ताकि गर्मी में भूखा रहकर शिवाजी चिड़चिड़ा महसूस ना करें.


जयपुर से लेपर्ड भेड़िए और इंडियन पॉप को भेजा
वन्यजीव एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शिवाजी को राजस्थान लाया गया है. ऐसे में टाइगर शिवाजी के आने से जयपुर में टाइगर की संख्या बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. वहीं जयपुर से एक लेपर्ड भेड़िया और एक इंडियन पॉप के जोड़े को ग्वालियर के गांधी जूलॉजिकल पार्क को दिया गया है. वन विभाग के द्वारा जयपुर के नाहरगढ़ में भी टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी की जा रही है. ऐसे में शिवाजी से जयपुर आने के बाद उसे टाइग्रेस रानी के साथ बैठकर टाइगर का कुनबा बढ़ाने की तैयारी वन विभाग कर रहा है.


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