Jodhpur: सरकारी अस्पताल के मुकाबले निजी अस्पताल में इलाज कई गुना महंगा, IIT की रिसर्च में खुलासा
Rajasthan News: भारत के सरकारी अस्पताल में एक दिन का कुल खर्च 2,833 रुपए है और निजी अस्पताल में एक दिन का कुल खर्च 6,788 रुपए होता है.
IIT Jodhpur Research on Health Services: देश के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती प्रति मरीज पर तीन गुना खर्चों का अंतर है. सरकारी अस्पताल में एक दिन का कुल खर्च 2,833 रुपए है और निजी अस्पताल में एक दिन का कुल खर्च 6,788 रुपए होता है. सरकारी अस्पताल के मुकाबले निजी अस्पताल में मरीज का इलाज तीन गुना महंगा है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (IIT Jodhpur) के शोध में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक बार भर्ती होने पर सरकारी अस्पताल में कुल खर्च 14,000 रुपए होता है और निजी अस्पताल में खर्च की रकम 38,000 होती है.
शोधकर्ताओं ने भारत के सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीज को एक बार भर्ती करने पर सरकार और मरीज के परिवार की लागत का तुलनात्मक अध्ययन किया. शोध से पता चला कि सरकारी अस्पताल में कुल खर्च का 30 फीसद और निजी अस्पताल में कुल लागत का 86 फीसद मरीज की तरफ से वहन किया जाता है.
तीन गुना महंगा है निजी अस्पताल में इलाज की लागत
शोध के नतीजे बताते हैं कि सरकारी अस्पतालों के मुकाबले निजी अस्पतालों में प्रति भर्ती का कुल खर्च बहुत अधिक होता है. ये सरकार और मरीज के परिवार दोनों पर बड़ा बोझ है. शोध छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों को आधार बना कर किया गया है. आईआईटी जोधपुर में स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स के सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक रंजन के साथ डॉ. समीर गर्ग (शोध के प्राथमिक लेखक और राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र (एसएचआरसी), छत्तीसगढ़ के कार्यकारी निदेशक); एसएचआरसी के वरिष्ठ कार्यक्रम समन्वयक नारायण त्रिपाठी और एसएचआरसी के प्रोग्राम एसोसिएट कीर्ति कुमार भी शोध में शामिल थे. शोध के नतीजों का प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय सहकर्मी समीक्षा पत्रिका हेल्थ इकोनॉमिक्स रिव्यू जर्नल में हुआ था.
स्वास्थ्य का रोड मैप बनाने में शोध की अहम भूमिका
शोध जन-जन तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का रोड मैप बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. देश के अंदर अस्पताल में भर्ती एक मरीज की स्वास्थ्य सेवा पर सरकारी और निजी अस्पताल की लागत का तुलनात्मक सर्वे किया गया है. शोध निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से सेवा खरीदने पर विचार करते हुए अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस विचार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के महत्वपूर्ण नीति निर्देशों में स्थान दिया गया है. शोध का मकसद भारत के सरकारी और निजी अस्पतालों में एक बार भर्ती होने पर कुल औसत खर्चों का तुलनात्मक अध्ययन करना था.
सरकारी अस्पतालों में निवेश को बताता है आवश्यक
शोध की अहमियत बताते हुए डॉ. आलोक रंजन ने कहा, "भारत के निजी अस्पतालों की तुलना में सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीज के इलाज का खर्च बहुत किफायती है. देश को सरकारी अस्पतालों में निवेश करना बेहद आवश्यक है क्योंकि निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा महंगा पड़ता है."
छत्तीसगढ़ के 64 अस्पतालों में किया गया सर्वेक्षण
सर्वे राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र की मदद से छत्तीसगढ़ के 64 अस्पतालों में किया गया. शोध से पता चला कि निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर हर बार कुल खर्च सरकारी अस्पतालों की तुलना में कई गुना अधिक था. मेडिकल क्षेत्र में किया गया पहला अध्ययन है. भारत के सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रति भर्ती खर्चों का अंतर व्यावाहरिक अनुभव पर आधारित है. चालू वित्त वर्ष में भारत को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बेहद आवश्यक है ताकि जन-जन तक सरकारी स्वास्थ्य सेवा पहुंचना सुनिश्चित हो.
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