Bhilwara News: देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर इस बार आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस बीच राजस्थान से इंटेलिजेंस की टीम ने पाकिस्तान की आईएसआई के दो जासूसों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों आईएसआई के एजेंट के रूप में काम करते हुए सेना से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहे थे. 


भेजते थे खुफिया जानकारी
डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि ऑपरेशन सरहद के तहत नारायण लाल गाडरी और कुलदीप सिंह सोशल मीडिया के जरिए आईएसआई के संपर्क में रहने की जानकारी मिली थी. सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर द्वारा इन दोनों व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई. इसके बाद जासूसी में लिप्त होने की पूरी जानकारी मिलने पर पूछताछ की गई तो सामने आया कि भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल गाडरी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के प्रभाव में आकर रुपए के लालच में आकर सेना की जानकारी पाकिस्तान भेजने का पता चला. नारायण लाल ने पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों के कहने पर विभिन्न मोबाइल कंपनियों की सिम जारी करवाकर पार्क हैंडलिंग अफसरों द्वारा भारतीय मोबाइल नंबरों से सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए उन सभी नंबरों से सेना के संबंधित देश की सामरिक गुप्त जानकारियां भेज रहा था.


यूपीआई के जरिए लेते थे पैसे
इसी तरह कुलदीप सिंह शेखावत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की महिला हैंडलिंग अफसरों के संपर्क में था. कुलदीप ने रुपए के लालच में आकर महिला पाक हैंडलिंग अफसरों के कहने पर महिला के नाम से एक फर्जी सैन्यकर्मी का बनकर सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया और भारतीय सेना के जवानों से दोस्ती कर उनसे गोपनीय सूचना लेकर पाक महिला हैंडलरो को मुहैया करवाई. इसके बदले में कुलदीप को मोटी धनराशि मिली. दोनों ही आरोपी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला अफसरों के इशारे पर भारतीय सेना से संबंधित भेजी गई जरूरी सूचनाओं की एवज में अपने-अपने बैंक खातों में यूपीआई के माध्यम से रुपए ले रहे थे. 


दोनों आरोपी गिरफ्तार
अधिकारियों के अनुसार आरोपियों के मोबाइल की तकनीकी जांच में तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. इनके खिलाफ शासकीय गुप्त अधिनियम 1923, आईटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है. जांच जारी है . उल्लेखनीय है इंटेलीजेंस ने हाल ही में सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया था. 


ये भी पढ़ें


Azadi Ka Amrit Mahotsav: बूंदी के इस स्वतंत्रता सेनानी ने अंग्रेजों के सामने निकाली थी तिरंगा यात्रा, सीने पर खाई गोली लेकिन नहीं छोड़ा राष्ट्रीय ध्वज


Azadi Ka Amrit Mahotsav: घायल होने के बाद भी घंटों लड़ते रहे थे मेजर शैतान सिंह, ठंड से जम गया था शरीर, जानें- पूरी कहानी