Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) जिले के किले स्थित संयुक्त निदेशक कार्यालय में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक यूडीसी (UDC) अधिकारी को ट्रैप किया है. आरोप है कि बाबू ने वरीयता सूची में नाम सबसे ऊपर रखने के लिए दूसरे यूडीसी अधिकारी से 21 हजार रुपये की रिश्वत (Bribe) मांगी थी. शिकायतकर्ता के मुताबिक, वह तीन हजार रुपये की रिश्वत पहले ही दे चुका है. आज उसे बाकी के 18 हजार रुपये देने थे. इन रुपयों की दूसरी किश्त देते समय एसीबी ने आरोपी को ट्रैप (Trap) कर लिया.


प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ज्ञान सिंह खरेटा गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तैनात है. शिक्षा विभाग की वरीयता सूची जानी थी, जिसमें ज्ञान सिंह का नाम भी था. ज्ञान सिंह का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर रखने के एवज में वीरेंद्र शुक्ला ने 21 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी.


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आरोपी को एसीबी ने ऐसे दबोचा


ज्ञान सिंह संयुक्त निदेशक कार्यालय के यूडीसी अधिकारी वीरेंद्र शुक्ला को तीन हजार रुपये 12 मई को दे चुका था. पहली किश्त देने के बाद ज्ञान सिंह ने एसीबी में वीरेंद्र शुक्ला की शिकायत की, जिस पर एसीबी ने 17 मई को सत्यापन करवा लिया था. आज वीरेंद्र शुक्ला को दूसरी किश्त दी जानी थी. जैसे ही ज्ञान सिंह दूसरी किश्त देने वीरेंद्र शुक्ला के पास पहुंचा तभी एसीबी ने आरोपी को ट्रैप कर लिया.               


बताया जा रहा है कि आरोपी से 18 हजार रुपये बरामद कर लिए गए हैं. एसीबी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. एसीबी के एडिशनल एसपी महेश मीणा ने कहा, ''घूसखोर यूडीसी संयुक्त निदेशक कार्यालय से ज्ञान सिंह को बाइक पर बैठाकर ले गया. बाजार में ज्ञान सिंह रिश्वत लेकर जैसे ही जाने लगा, तभी एसीबी ने घूसखोर यूडीसी को ट्रैप कर लिया.''


एसीबी के एएसपी ने यह कहा


एसीबी के एएसपी महेश मीणा ने कहा, ''सयुंक्त निदेशक शिक्षा विभाग के यूडीसी वीरेंद्र शुक्ला को 18 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ हाथ गिरफ्तार किया है. 17 मई को एसीबी ने सत्यापन कराया था, उससे पहले 12 मई को तीन हजार रूपये की रिश्वत पहले ही इनके द्वारा ली गई थी. कुल 21 हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी. बाकि के 18 हजार रूपये आज लेते हुए गिरफ्तार किया है. शिकायतकर्ता भी वरिष्ठ सहायक है, उसका वरीयता सूची में नाम ऊपर रखने के एवज में यह रिश्वत मांगी गई थी.'' 


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