Rajasthan News: जिस प्रदेश में सरकार आगामी बजट युवाओं को समर्पित करने का दावा कर रही है. वहीं युवाओं पर लाठियां बरसाई जा रही हैं. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव (Upen Yadav) ने राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) पर क्रूरता करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पहले तो पुलिस ने बेरोजगार युवाओं पर लाठियां भांजी. इसके बाद थाने लेकर जाकर मेरे बाल और दाढ़ी खींचकर बदसलूकी की. युवा नेता के साथ हुई यह क्रूरता सामने आने के बाद उपेन को देशभर से समर्थन मिल रहा है. युवा वर्ग और विपक्षी नेता प्रदेश सरकार और पुलिस पर युवाओं से बर्बरता करने के आरोप लगा रहे हैं.


'बेरोजगारों पर पुलिस ने भांजी लाठियां'
उपेन यादव ने बताया, "हम पुलिस की इजाजत लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए अजमेर (Ajmer) में आरपीएससी (RPSC) मुख्यालय के बाहर पहुंचे. पुलिस की सहमति से हमने 5 मिनट वहां नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. इसके बाद मीडिया से बात कर रहा था तभी सिविल लाईन थाना एसएचओ दलवीर सिंह वहां आए और युवाओं पर लाठियां मारने लगे. शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने गए युवाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. एक तरफ तो मुख्यमंत्री आगामी 10 फरवरी को युवाओं के लिए बजट लाने वाले हैं और दूसरी तरफ युवाओं के साथ धोखा और षड्यंत्र कर लाठीचार्ज किया गया."


 






'थाने में एसएचओ ने की घिनौनी हरकत'
उपेन ने आरोप लगाया, "एसएचओ मेरे साथ बदतमीजी कर मुझे थाने ले गए. इसके बाद थाने में एसएचओ दलवीर सिंह ने मेरे साथ नीच और घिनौनी हरकत की. मेरी दाढ़ी और बालों को खींचा. यह मानवीय अत्याचार है." यादव ने कहा कि मैं 11 साल से संघर्ष कर रहा हूं. हमेशा पुलिस का सम्मान करता हूं. आज तक कभी पुलिस के खिलाफ नहीं बोला, कभी किसी पुलिस अधिकारी पर कोई आरोप नहीं लगाया क्योंकि आज तक किसी ने मेरे साथ ऐसी कोई हरकत नहीं की. कोई पुलिस वाला यह नहीं कह सकता कि मैंने उनके साथ बदसलूकी की, लेकिन आज मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है.


थानाधिकारी को सस्पेंड करने की मांग
यादव ने घटना के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से मांग की है कि धोखे से युवा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज करने और थाने में दाढ़ी व बालों को खींचने वाले अजमेर सिविल लाइंस थाना एसएचओ दलवीर सिंह को तत्काल निलंबित किया जाए. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर तीन दिन में दलवीर सिंह को सस्पेंड नहीं किया तो अजमेर कलेक्ट्रेट के बाहर आमरण अनशन पर बैठेंगे.


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