Jaipur News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कई बड़े फैसले लिये हैं. समान पात्रता परीक्षा (CET) की वैधता तीन साल कर दी गई है. पहले समान पात्रता परीक्षा की योग्यता अवधि एक साल थी. सरकार ने नियमों में संशोधन को स्वीकृति दे दी है.


दरअसल, सीईटी की स्कोर वैधता एक साल होने के कारण हर साल होने वाली अगली सीईटी परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ती चली जा रही थी. त्यधिक संख्या में आवेदन आने पर बोर्ड को वित्तीय भार और कठिनाई का सामना करना पड़ता है. सीईटी स्कोर की वैधता अवधि बढ़ने से अगले तीन वर्षों तक दोबारा परीक्षा दिए बिना अभ्यर्थी राज्य की सरकारी भर्तियों के लिए आवेदन कर सकेंगे. 


इसलिए सीईटी की वैधता अवधि को तीन साल करने का फैसला लिया गया. सरकार के फैसले से लाखों अभ्यर्थियों को भी बड़ी राहत मिल सकेगी. राजस्थान जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 2001 के अंतर्गत आने वाले छात्रावास अधीक्षक (पुरुष) ग्रेड-2 एवं छात्रावास अधीक्षक (महिला) ग्रेड-2 को समान पात्रता परीक्षा की अनुसूची-1 (स्नातक स्तर) में शामिल किया जा रहा है. राजस्थान पशुपालन अधीनस्थ सेवा नियम 1977 के तकनीकी संवर्ग में पशुधन सहायक को पदोन्नति का तीसरा अवसर उपलब्ध करवाने और इस संवर्ग के पदनामों में परिवर्तन के लिए सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है.


लाखों अभ्यर्थियों के लिए सरकार की तरफ से खुशखबरी


इस संशोधन के अनुसार तीसरी पदोन्नति का अवसर देने के लिए मुख्य पशुधन प्रसार अधिकारी का नवीन पद सृजित किया जाएगा. पशुधन सहायक का पदनाम अब पशुधन निरीक्षक, पशु चिकित्सा सहायक का पदनाम पशुधन प्रसार अधिकारी, सहायक सूचना अधिकारी का पदनाम वरिष्ठ पशुधन प्रसार अधिकारी किया जाएगा. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दानदाताओं को प्रोत्साहन देने का भी फैसला लिया गया है. चुरू के राजकीय महाविद्यालय सिद्धमुख का नामकरण  शकुन्तला देवी राजकीय महाविद्यालय सिद्धमुख करने की स्वीकृति प्रदान की गई है. 


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