Rajasthan News: वीआईपी दर्शन के कारण देश के मंदिरों में हुए हादसों में श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत के बाद गहलोत सरकार गंभीर है. मंदिरों में वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए राजस्थान सरकार ने देश में अनूठी पहल की है. सरकार ने प्रदेश के सभी मंदिरों में वीआईपी कल्चर समाप्त कर दिया है. राजस्थान सरकार की नजर में अब सिर्फ बुजुर्ग दर्शनार्थी ही वीआईपी होंगे. जिन्हें सुरक्षित तरीके से सम्मान के साथ दर्शन करवाए जाएंगे. नया कल्चर लागू करते हुए देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने खुद मंदिर की लाइन में लगकर दर्शन किए.
पूजा पुष्कर सरोवर, ब्रह्माजी को लगाई धोक
राजस्थान सरकार की देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत एक दिवसीय प्रवास पर पुष्कर पहुंची. यहां उन्होंने पवित्र पुष्कर सरोवर में पूजा-अर्चना की. विश्व प्रसिद्ध जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में दर्शन कर धोक लगाई. मंदिर में दर्शन के लिए रावत ने सामान्य व्यक्तियों के साथ लाईन में लगकर दर्शन किए. साथ ही दर्शनार्थियों से बार-बार धैर्य के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया.
पुष्कर सरोवर की पवित्रता पर जोर
मंत्री रावत ने कहा कि पुष्कर सरोवर की पवित्रता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है. घाटों पर प्रशासन और पुजारियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए. मंत्री ने ब्रह्मा मंदिर में भीड़ प्रबंधन के संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा की. रामदेवरा जाने वाले जातरूओं के कारण दर्शनार्थियों की बढ़ी हुई संख्या के अनुरूप व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए. भीड़ को सुव्यवस्थित करने के लिए अतिरिक्त मानवीय संसाधन लगाने के लिए कहा. मंदिर परिसर में बुजुर्ग व्यक्तियों को अति विशिष्ट व्यक्ति मानकर व्यवहार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को दर्शनों के लिए अलग सुविधा उपलब्ध होनी आवश्यक है. उनके साथ आए परिजनों को भी ऐसी सुविधा मिलने से पूरा परिवार एक साथ रहेगा.
मंत्री ने की श्रद्धालुओं की मदद
दर्शन के दौरान रतलाम से आए बुजुर्ग दंपत्ति को अपनी गाड़ी तक पहुंचने में परेशानी हो रही थी. यह देखकर मंत्री रावत उनके पास पहुंची और उनका हाथ पकड़कर अपनी गाड़ी बैठाया और गन्तव्य तक छोड़ा. वहीं प्यास लगने पर पानी तलाश रही ग्रामीण महिलाओं को रावत ने अपनी बोतल से पानी पिलाया.
मंदिरों में बुजुर्गों के लिए बढ़ेगी सुविधाएं
शंकुतला रावत ने कहा कि हमारे बुजुर्ग ही मंदिरों में दर्शन के लिए वीआईपी हैं. पुष्कर स्थित ब्रह्मा मन्दिर में दर्शनों के लिए बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. बुजुर्गों को मंदिर पहुंचाने के लिए लिफ्ट अथवा अन्य व्यवस्थाएं करने के लिए कहा है. इसके लिए अन्य मंदिरों की सुविधाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है. बुजुर्गों के लिए नगरपालिका की ओर से ई- रिक्शा उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि बुजुर्ग सीधे मंदिर पहुंच सकेंगे.
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