Pali News: पाली में जल संकट गहरा गया है. जल संकट को देखते हुए वाटर वैगन ट्रेन चलाने का फैसला किया गया. जिसमें कोटा से चलकर ट्रेन जोधपुर पहुंची फिर 15 अप्रैल को यह ट्रेन पाली पहुंचनी थी. ऐसे में ट्रेन के देरी से पहुंचने की वजह रेलवे और पीएचईडी के अधिकारी एक-दूसरे को बता रहे हैं. 


ट्रेन को लेकर बना हुआ है अनिश्चितता
पीएचईडी अधिकारियों का कहना है कि 11 को वैगन ट्रैक पर लाने की बात कही थी. लेकिन, यह ट्रेन गुरुवार को पहुंची है. ऐसे में दो से तीन दिन का समय अतिरिक्त लगेगा. इधर, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन अब कब चलेगी. इसको लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई हैं वाटर ट्रेन अब 17 अप्रैल को चलेगी या 18 अप्रैल को उसके लिए अभी कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन पीएचडी विभाग के मुख्य अभियंता विनोद भारती के अनुसार वाटर ट्रेन 17 अप्रैल को चलाई जाएगी.


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एक फेरे में आएगा 4.10 लाख का खर्चा
जोधपुर से पाली के बीच 2 वाटर ट्रेन प्रतिदिन सिर्फ 4 फेरे करेगी. एक ट्रेन में कुल 40 वैगन होंगे. प्रत्येक वेगन में 50-54 केएल (किलोलीटर प्रतिदिन) यानी 50-54 हजार लीटर पानी होगा. इसके हिसाब से 40 बैगन में 20 लाख लीटर पानी आता है. वहीं 4 फेरों में कुल 80 लाख लीटर से अधिक पानी पहुंचेगा. प्रति ट्रेन के एक फेरे पर 4.10 लाख रुपए का खर्चा आएगा. प्रतिदिन 4 फेरों में 16.40 लाख रुपए खर्च होंगे. ट्रेन कितने दिन चलानी है, इसके हिसाब से रेलवे को राशि पहले जमा करवानी होगी अगर ट्रेन देरी से आती है तो शहर की प्यास बुझाना मुश्किल होगा.


पाली को पानी की कितनी जरूरत
रोजाना अब 25 एमएलडी पानी की आवश्यकता है. वर्तमान में यह खपत बाणियावास जवाई बांधव ट्यूबवेल से की जा रही है. आपको बता दें कि तापमान बढ़ने के साथ ही बांधों का जलस्तर भी तेजी से गिर रहा है.


पाली के लिए पानी की पूरी व्यवस्था 
वाटर ट्रेन प्रतिदिन 8 एमएलडी पानी वाटर ट्रेन के 40 टैंकर से आएगा इसके अलावा प्रतिदिन 2 ट्रेन, 4 फेरे करेगी. वाणिवावास और जवाई बांध से 12 एमएलडी पानी काम में लाई जाएगी. शहर में 10 से अधिक ट्यूबवेल हैं, जिनसे 5 एमएलडी पानी की आवश्यकता है.


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