Rajasthan News: बंगाल की सीएम ममता बनर्जी 24 साल बाद आईं अजमेर, साकेत गोखले की गिरफ्तारी के बारे में कही यह बात
Ajmer News: सीएम बनर्जी ने राजस्थानी संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें राजस्थान आना अच्छा लगता है, वे राजस्थान को भी बंगाल की तरह ही अपना मानती हैं.
Mamata Banerjee in Ajmer: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) 24 साल बाद एक बार फिर मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर अजमेर पहुंची. यहां उन्होंने विश्व विख्यात गरीब नवाज दरगाह में जियारत कर मखमली चादर और अकीदत के फूलों का नजराना पेश किया. इसके बाद दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन खान से मुलाकात की. सीएम को लाल चुनरी ओढ़ाकर तबर्रूक में सोहन हलवा भेंट किया. यहां से बनर्जी ने टेंपल सिटी पुष्कर (Temple City Pushkar) पहुंचकर जगतपिता ब्रह्मा मंदिर (Pushkar Brahma Temple) में दर्शन किए. पुष्कर घाट पर सरोवर पूजा की. सीएम विजिट के दौरान पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा.
'बंगाल का राजस्थान से अच्छा रिलेशन'
सीएम बनर्जी ने राजस्थानी संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें राजस्थान आना अच्छा लगता है, वे राजस्थान को भी बंगाल की तरह ही अपना मानती हैं. उनका राजस्थानियों से लगाव भी है. पश्चिम बंगाल का राजस्थान से अच्छा रिलेशन है. बंगाल में भी राजस्थान के लोग रहते हैं, वो बंगाल को अपना घर समझते हैं. वहां कई IAS और IPS भी राजस्थान से हैं.
गोखले की गिरफ्तारी बेहद दुःखद
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले की गिरफ्तारी को ममता बनर्जी ने बेहद दुःखद और बुरा बताया है. उन्होंने कहा कि साकेत गोखले एक अच्छे व्यक्ति हैं. उनका सोशल नेटवर्क भी पॉपुलर हैं, वे नई दिल्ली से राजस्थान आए थे. यहां जयपुर एयरपोर्ट पर उन्हें गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ अहमदाबाद ले गई. सिर्फ इसलिए, क्योंकि उन्होंने मोरबी पुल हादसे पर प्रधानमंत्री के खिलाफ ट्वीट किया था. हमारे खिलाफ तो बहुत ट्वीट होते हैं. ऐसा साइबर क्राइम नहीं होना चाहिए जिसमें देश को खतरा हो. मोरबी पुल हादसा एक बड़ा कांड था. सरकार का यह एटीट्यूड अच्छा नहीं.
24 साल पहले भी आईं थी अजमेर
इस यात्रा से पहले भी सीएम ममता बनर्जी ने अजमेर का दौरा किया था. अंतिम बार वे वर्ष 1999 में अजमेर आईं थी. जियारत के बाद उन्हें दुपट्टा ओढ़ाकर तबर्रुक (प्रसाद) भेंट किया था. दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट पर उन्होंने फोटो भी खिंचवाया था. अजमेर दरगाह में जियारत के बाद वे दिल्ली पहुंची, उस वक्त उन्हें रेल मंत्री बनाया गया था. वे भारत की पहली महिला हैं, जिन्हें रेल मंत्री बनने का सौभाग्य मिला.