Udaipur News: राजस्थान के सबसे पिछड़े जनजातीय क्षेत्र उदयपुर जिले स्थित कोटड़ा तहसील में आदि महोत्सव का बुधवार को दूसरा दिन हुआ. इस महोत्सव में सात राज्यों के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां तो दे ही रहे हैं. साथ ही यहां के जनजातीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है और उनके हस्तशिल्प उत्पादों को लोग खरीद रहे हैं. इन सब में एक बड़ी बात यह सामने आई कि कोटड़ा जैसी पिछड़ी तहसील की महिलाओं को बैंक से 125 लाख रुपये का लोन जारी हुआ. अब इस राशि से महिलाएं आय श्रजन उत्पाद बना पाएगी और अपनी आय प्राप्त कर पाएगी. यह लोन 125 समूह को मिला है और प्रत्येक समूह में 12-15 महिलाएं जुड़ी हैं.
महिलाएं बनाती हैं आइसक्रीम, गुलाल, शहद
बीडीओ अनिल पहाड़िया ने बताया कि राजीविका के जरिए महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाती हैं. इसमें एक प्रोसेस होता है, जैसे तीन महीने तक समूह ने अच्छा काम किया तो सरकार 15 हजार रुपए सहायता राशि देती है और एक साल तक किया तो सरकार 75 हजार और देती है. एक साल तक अच्छे से काम करने के बाद बैंक से लोन लेने के लिए पात्र हो जाती हैं. अब कोटड़ा स्पेशल इसलिए कि यहां समूह बनाना भी चुनौती है और समूह बन भी गया तो उसे चलाना भी चुनौती. यहां समूह चल रहा है और महिलाएं उत्पाद जैसे सीताफल पर्ल बनाकर बेचती हैं, जिसे कंपनियां खरीदती हैं. हर्बल गुलाल बनाती और जंगलों से शहद भी एकत्र कर बेचती हैं. अब इन 125 लाख रुपये की सहायता से वह आय श्रजन काम अच्छे से कर पाएगी.
महिलाएं खुद भी ले सकती हैं लोन
बीडीओ पहाड़िया ने बताया कि जो लोन दिया गया है, वह समूह के बने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. खास बात यह है कि समूह में शामिल महिला को जब कभी भी राशि की आवश्यकता पड़ती है तो उसे तुरंत समूह से लोन मिल जाता है. साथ ही बैंक से भी इनको बहुत कम इंटरेस्ट रेट पर लोन दिया जाता है जो आय प्राप्त करने के बाद बैंक को चुकाना पड़ता है. यहीं नहीं जो भी इच्छुक महिलाएं हो वह इस समूह से आसानी से जुड़ सकती हैं.
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