Rajasthan News: योग गुरु बाबा रामदेव की अपील, सनातन धर्म को बढ़ाने के लिए आगे आए मीडिया
Rajasthan Politics: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भक्तों को प्रवचन देकर सभी समस्याओं के समाधान का दावा करते हैं. उनका दावा है कि वो बिना समस्याएं बताए मन की बात पढ़ लेते हैं.
चूरू: योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि हर जगह पाखंड नहीं ढूंढना चाहिए.उन्होंने कहा है कि जो दिख रहा है, वह सच और जो आंखों से दिख रहा है वो केवल 1 फीसदी ही है. उन्होंने मीडिया के लोगों से सनातन धर्म को आगे बढ़ाने की अपील की है. बाबा रामदेव ने यह बात बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में कही है. धीरेन्द्र शास्त्री को उनके कथित चमात्कारों को लेकर आलोचना की जा रही है.
स्वामी रामदेव ने क्या कहा है
स्वामी रामदेव ने राजस्थान के चूरू में कहा, ''कुछ पाखंडी धीरेंद्र शास्त्री पर टूटकर पड़े हैं और पूछ रहे है कि बालाजी की कृपा क्या है,हनुमान जी की कृपा क्या है?जिन्हें बाहर की आंखों से देखना हो वो धीरेंद्र शास्त्री से पूछें,लेकिन जिन्हें तर्क-वितर्क करना हो वो रामभद्राचार्य जी के पास आ जाओ और चमत्कार देखना हो तो इनके शिष्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास चले जाओ.''
उन्होंन कहा, ''मैं मीडिया के लोगों को ज्यादा फोन नहीं करता लेकिन कहना चाहता हूं कि सब जगह पाखण्ड मत ढूंढो,ये सच है जो दिख रहा है और जो आंखों से दिख रहा है वो एक प्रतिशत है. आप लोग सनातन को आगे बढ़ाने के लिए काम करें.''
बागेश्वर धाम की महिमा
बता दें बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भक्तों को प्रवचन देकर सभी समस्याओं के समाधान का दावा करते हैं. उनका दावा है कि वो बिना समस्याएं बताए मन की बात पढ़ लेते हैं. कई लोगों को विश्वास है कि अगर बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार में एक बार अर्जी लग जाए तो किस्मत बदल जाती है. लेकिन धीरेंद्र कृष्ण को लेकर विवाद की शुरुआत तब हुई जब उनके इस चमत्कारी दावे को नागपुर में चुनौती दी गई.
महाराष्ट्र के नागपुर में 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' का आयोजन किया गया था. इसमें धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा. इस दौरान अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया. समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती दी थी कि वे नागपुर में उसके मंच पर आकर अपने चमत्कारों को दिखाएं. अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो मुकदमा झेलने को तैयार रहें. धीरेंद्र शास्त्री ने इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया और नागपुर से वापस लौट आए.
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